गांवों में 24 घंटे बिजली मिलने से सुधरेगी पेयजल व्यवस्था

गांवों में निर्बाध बिजली की सप्लाई होने पर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा। बिजली व्यवस्था में सुधार होने पर जनस्वास्थ्य विभाग गांवों में दिन में पेयजल की सप्लाई हो सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:33 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:33 PM (IST)
गांवों में 24 घंटे बिजली मिलने से सुधरेगी पेयजल व्यवस्था
गांवों में 24 घंटे बिजली मिलने से सुधरेगी पेयजल व्यवस्था

जागरण संवाददाता, गोहाना: बिजली निगम द्वारा गोहाना के आठ गांवों में 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की तैयारी की जा रही है। गांवों में निर्बाध बिजली की सप्लाई होने पर ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था में बड़ा सुधार होगा। बिजली व्यवस्था में सुधार होने पर जनस्वास्थ्य विभाग गांवों में दिन में पेयजल की सप्लाई हो सकेगी।

बिजली निगम द्वारा अधिकतर गांवों में दिन के समय दो से तीन घंटे बिजली सप्लाई दी जाती है। इससे जनस्वास्थ्य विभाग गांवों में अपने जलघरों, बूस्टिंग स्टेशनों और ट्यूबवेलों से इतने समय ही पेयजल की आपूर्ति दे पाता है। अधिक आबादी वाले गांवों में आधे से कम ग्रामीणों को दिन में पेयजल मिल पाता है। ऐसे में जब रात को बिजली आती है तब जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा बचे हुए हिस्से में पेयजल की आपूर्ति दी जाती है। गांवों के लोगों को रात को जगकर अपनी टंकियों या होदियों में पानी भरना पड़ता है। बिजली निगम द्वारा जिन गांवों में बिजली की 25 प्रतिशत से कम चोरी होती है उनमें 24 घंटे बिजली देने की तैयारी की जा रही है। निगम द्वारा ठसका, मदीना, नगर, लाठ, बीधल व सिकंदरपुर माजरा फीडरों का चयन किया है। इन फीडरों पर बिजली चोरी कम होती है। निगम द्वारा इन फीडरों के अंतर्गत आठ से 10 गांवों में 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की तैयारी की जा रही है। जब इन गांवों में दिन के समय भी बिजली की सप्लाई होगी तो जनस्वास्थ्य विभाग गांवों में दिन में ही पेयजल की आपूर्ति कर सकेगा।

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बड़े गांवों में लगे हैं 24 से 30 वाल्व

जनस्वास्थ्य विभाग ने गांवों के प्रत्येक हिस्से में पेयजल पहुंचाने के लिए अपनी लाइनों पर वाल्व लगा रखे हैं। इन्हीं वाल्व को खोल या बंद करके बारी-बारी क्षेत्र विशेष में बिजली की सप्लाई दी जाती है। दिन में दो से तीन घंटे बिजली आने पर पांच से छह वाल्व के क्षेत्र में ही पेयजल की आपूर्ति हो पाती है। ऐसे में कुछ गांवों में ग्रामीणों को दो दिन में एक बार पेयजल मिलता है।

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गांवों में दिन में बहुत कम बिजली आती है, जिससे रात को पेयजल की सप्लाई देनी पड़ती है। दिन में बिजली मिलने से गांवों में पेयजल सप्लाई बेहतर हो सकेगी।

विक्रम मोर, एक्सईएन, गोहाना, जनस्वास्थ्य विभाग

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