गोहाना में आठ जगहों पर जलाई पराली, हरसैक ने भेजी रिपोर्ट

हरसैक सेंटर द्वारा गोहाना आठ ऐसी लोकेशन मिली जहां पर किसानों ने पराली जलाई। सेंटर से लोकेशन व चित्र आने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 06:57 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:57 PM (IST)
गोहाना में आठ जगहों पर जलाई 
पराली, हरसैक ने भेजी रिपोर्ट
गोहाना में आठ जगहों पर जलाई पराली, हरसैक ने भेजी रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, गोहाना : धान की कटाई के साथ ही कुछ किसानों ने अपने खेतों में अवशेष (पराली) जलाने शुरू कर दिए हैं। किसानों पर हिसार स्थित हरियाणा स्पेश एप्लीकेशन सेंटर यानि हरसैक द्वारा सैटेलाइट के माध्यम से नजर रखी जा रही है। हरसैक सेंटर द्वारा गोहाना आठ ऐसी लोकेशन मिली जहां पर किसानों ने पराली जलाई। सेंटर से लोकेशन व चित्र आने के बाद कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की। अधिकारियों ने किसानों को पराली जलाने पर जुर्माना लगाया।

गोहाना उपमंडल में करीब 90 हजार एकड़ में धान उगाया गया है। इन दिनों धान की कटाई जोरों पर चली हुई है। पीआर व 1509 किस्म के अधिकतर धान की कटाई हो चुकी है। अब 1121 व बासमती धान की कटाई चल रही है। कुछ किसान खेतों को जल्द खाली करने और गेहूं की बिजाई करने के लिए पराली को खेत में ही फूंकने लगे हैं। किसान रात को पराली जलाते हैं और सुबह खेत की जोताई करवा देते हैं। किसान सोचते हैं कि रात को पराली जलाने से किसी को पता नहीं लगेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। दिन हो चाहे रात जो भी किसान अपने खेत में पराली जलाता है, हरसैक में सैटेलाइट से उसका पता चल जाता है। सेंटर से लोकेशन के साथ चित्र उस क्षेत्र के अधिकारियों को भेजे जाते हैं, जहां पराली जलाई जाती है। गोहाना में मुंडलाना खंड के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग गांवों के किसान आठ जगह पराली जला चुके हैं। हरसैक से मिले चित्रों और लोकेशन के आधार पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आठ किसानों को जुर्माना लगाया। प्रत्येक किसान को 25 सौ रुपये जुर्माना लगाया गया। 2020-21 के सीजन में गोहाना क्षेत्र में करीब 24 किसानों ने पराली जलाई थी।

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किसान पराली न जलाकर उसकी खेत में जोताई करवाएं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। सैटेलाइट से तुरंत पता चल जाता है कि किस क्षेत्र में किसान ने पराली जलाई है।

वरुण मेहंदीरत्ता, तकनीकी सहायक, गोहाना, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग

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