मौसम ने बढ़ाई परेशानी, 63 फीसद धान की कटाई बाकी

गोहाना उपमंडल में करीब 65 हजार हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से क्षेत्र के किसानों ने करीब 39 हजार हेक्टेयर में धान उगाया है। क्षेत्र में बहुत कम किसान पीआर व 1509 किस्म का धान उगाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 06:05 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 06:05 PM (IST)
मौसम ने बढ़ाई परेशानी, 63 फीसद धान की कटाई बाकी
मौसम ने बढ़ाई परेशानी, 63 फीसद धान की कटाई बाकी

जागरण संवाददाता, गोहाना : रविवार तक गोहाना में करीब 37 प्रतिशत धान की कटाई हुई है, जबकि 63 प्रतिशत धान की फसल खेतों में खड़ी है। खराब हुए मौसम ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। रविवार को पूरा दिन आसमान में बादल छाए रहे और कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। अब बारिश होने की स्थिति में किसानों को धान में अधिक नुकसान हो सकता है।

गोहाना उपमंडल में करीब 65 हजार हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से क्षेत्र के किसानों ने करीब 39 हजार हेक्टेयर में धान उगाया है। क्षेत्र में बहुत कम किसान पीआर व 1509 किस्म का धान उगाते हैं। इसमें से अधिकतर धान को किसान अनाज मंडी में पहुंचा चुके हैं। गोहाना में अधिकतर किसान 1121 व बासमती धान उगाते हैं जो एक सप्ताह पहले ही पकना शुरू हुआ है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद के अनुसार गोहाना में अब भी करीब 63 प्रतिशत धान खेतों में खड़ा है, जिसकी कटाई चल रही है या कुछ दिन बाद होनी है। अगस्त व सितंबर में गोहाना में तेज बारिश से हजारों एकड़ में धान में जलभराव हो गया था। रविवार को मौसम खराब होने से किसानों की चिता बढ़ गई।

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अब बारिश हुई तो किसानों पर पड़ेगी दोहरी मार :

अगर अब बारिश हुई तो किसानों को दोहरी मार पड़ेगी। बारिश से धान की तैयार फसल में नुकसान होगा। अब भी गांव बनवासा, धनाना, कथूरा, कहैल्पा, छपरा, खानपुर कलां, अहमदपुर माजरा समेत कई गांवों के हजारों एकड़ में बारिश का पानी भरा हुआ है। अब बारिश होने पर खेतों में पानी का स्तर बढ़ जाएगा और किसान समय पर गेहूं की बिजाई नहीं कर पाएंगे।

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आधे धान का भी नहीं हुआ है उठान :

अनाज मंडी में रविवार तक करीब ढाई लाख क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। इसमें से आधे धान की आवक भी नहीं हुई है। मौसम साफ होते ही अनाज मंडी में धान की आवक बढ़ेगी, जिससे जगह नहीं मिलने की स्थिति में किसानों की परेशानी बढ़ जाएगी। गोहाना में हर साल धान के पीक सीजन में अनाज मंडी में जगह की कमी अखरती है।

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खरीदे गए धान को जल्द उठाने की पूरी कोशिश की जा रही है। खरीद एजेंसियों व व्यापारियों को कहा गया है कि वे धान की खरीद के 48 घंटे के भीतर उठान करवाएं।

- जितेंद्र कुमार, सचिव, गोहाना, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड।

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