नप ने गोहाना को कैटल फ्री बनान ेको फिर छेड़ा अभियान
नगर परिषद ने करीब चार साल पहले गोहाना को एक बार कैटल फ्री बना दिया था। तब नगर परिषद पानीपत-रोहतक हाईवे के बाईपास के साथ गोहाना में नंदीशाला तैयार करवाई थी। इसी नंदीशाला में बेसहारा पशुओं को छोड़ा गया था।
जागरण संवाददाता, गोहाना : गोहाना में सड़कों पर जल्द बेसहारा पशु घूमते नजर नहीं आएंगे। नगर परिषद ने गोहाना को एक बार फिर से शनिवार को कैटल फ्री बनाने का अभियान छेड़ दिया। नगर परिषद ने नगर निगम आयुक्त से मंजूरी लेकर पुराने ठेकेदार से पशु पकड़वा कर गोशाला व नंदीशाला में भिजवाने शुरू कर दिए हैं। सभी बेसहारा पशुओं को पकड़ कर गोशालाओं व नंदीशाला में भिजवाया जाएगा।
नगर परिषद ने करीब चार साल पहले गोहाना को एक बार कैटल फ्री बना दिया था। तब नगर परिषद पानीपत-रोहतक हाईवे के बाईपास के साथ गोहाना में नंदीशाला तैयार करवाई थी। इसी नंदीशाला में बेसहारा पशुओं को छोड़ा गया था। कुछ समय बाद धीरे-धीरे शहर की सड़कों पर दोबारा बेसहारा पशु नजर आने लगे। नंदीशाला के संचालन के लिए बजट की कमी और वहां जगह नहीं बचने के चलते नगर परिषद ने पशुओं को पकड़ना बंद कर दिया था। गोशाला संचालकों ने भी पशुओं से लेना मना कर दिया था। नगर परिषद ने एक माह पहले बेसहारा पशुओं को लेकर सर्वे करवाया था। गोहाना में करीब 250 बेसहारा पशु सड़कों पर घूमते मिले। नगर परिषद ने रविवार को गोहाना को कैटल फ्री बनाने का अभियान शुरू कर दिया। 37 पशुओं को पकड़ कर गांव ठसका स्थित गोशाला और नंदीशाला में भिजवाए गए। यह अभियान गोहाना कैटल फ्री होने तक जारी रहेगा। नगर परिषद का एक माह में गोहाना को कैटल फ्री बनाने का लक्ष्य है। बेसहारा पशुओं को क्षेत्र में संचालित गोशालाओं में भी भिजवाया जाएगा। गोहाना कैटल फ्री होने से लोगों को राहत मिलेगी और हादसे भी नहीं होंगे।
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एसडीएम ने किया हस्तक्षेप :
क्षेत्र के गोशाला संचालकों ने नगर परिषद को बेसहारा पशुओं को लेने से मना कर दिया था। इस पर एसडीएम और नगर परिषद के प्रशासक आशीष वशिष्ठ ने गोशाला संचालकों दो सप्ताह पहले बैठक बुलाई थी। तब गोशाला संचालकों से शहर में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को गोशालाओं में जगह देने की अपील की थी। संचालकों ने इस पर सहमति दी थी।
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बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए टेंडर लगाए गए थे लेकिन कोई एजेंसी काम करने के लिए नहीं आई। नगर परिषद ने 2018 में पशु पकड़ने का ठेका दिया था। उस समय एजेंसी को 900 रुपये प्रति पशु के हिसाब से भुगतान किया था। नगर निगम आयुक्त से मंजूरी लेकर पुराने भाव के अनुसार ही पुराने ठेकेदार से पशुओं को पकड़वाया जाएगा।
- राजेश वर्मा, ईओ, नगर परिषद, गोहाना।