अभाविप ने की महिला विश्वविद्यालय को खोलने की मांग

कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों को खोल दिया है। स्कूल खुले कई माह हो चुके हैं। महिला विश्वविद्यालय को अब तक नहीं खोला गया है। इससे विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:07 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:07 PM (IST)
अभाविप ने की महिला विश्वविद्यालय को खोलने की मांग
अभाविप ने की महिला विश्वविद्यालय को खोलने की मांग

जागरण संवाददाता, गोहाना : अखिल भारतीय विकास परिषद (अभाविप) ने गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस महिला विश्वविद्यालय को खोलने की मांग की। विश्वविद्यालय कोरोना की दूसरी लहर के बाद करीब छह माह से बंद है। परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकतर लोगों को टीकाकरण हो चुका है और कोरोना का संक्रमण भी कम हो चुका है।

अभाविप की महिला विश्वविद्यालय इकाई की अध्यक्ष साक्षी गोदारा ने कहा कि महिला विश्वविद्यालय को मार्च, 2020 में लगे लाकडाउन के बाद बंद कर दिया गया था। पहली लहर में संक्रमण का असर कम हुआ तो विश्वविद्यालय द्वारा आफलाइन परीक्षाएं आयोजित की गर्इं। दूसरी लहर में दोबारा से विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद राज्य सरकार ने स्कूलों को खोल दिया है। स्कूल खुले कई माह हो चुके हैं। महिला विश्वविद्यालय को अब तक नहीं खोला गया है। इससे विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पा रही है। विश्वविद्यालय में दाखिला प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। कई कालेज खुल चुके हैं और 2021-22 के शैक्षणिक सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। विश्वविद्यालय नहीं खुलने से छात्राओं की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है।

छात्राओं की सहायता के लिए हेल्पडेस्क लगाया

अभाविप ने महिला विश्वविद्यालय के गेट के सामने गुरुवार को हेल्प डेस्क लगाया। विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाली छात्राओं की काउंसिलिंग में सहयोग किया। परिषद की गोहाना इकाई की अध्यक्ष साक्षी गोदारा कहा कि छात्राओं को प्रवेश, परीक्षा आदि के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छात्राओं की सहायता के लिए डेस्क को 30 अक्टूबर तक लगाया जाएगा। विश्वविद्यालय विस्तारिका कंचन डागर ने कहा कि दूसरे क्षेत्र से आने वाली छात्राओं की मदद की जा रही है। इस मौके पर अपूर्वा, गीता, मीनू, मनीषा, कविता आदि मौजूद रहीं।

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