कंबाइन मशीनों की होगी जांच, एसएसएस नहीं होने पर लगेगा जुर्माना

गोहाना में किसानों ने करीब 55 हजार हेक्टेयर में धान उगा रखा है।। क्षेत्र में अधिकतर किसानों द्वारा 1121 1095 और बासमती किस्म का धान उगाया जाता है। बहुत कम किसानों ने 1509 और पीआर धान उगाया। 1509 व पीआर धान की फसल पक चुकी है और कटाई अंतिम चरण में है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:44 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:44 PM (IST)
कंबाइन मशीनों की होगी जांच, एसएसएस नहीं 
 होने पर लगेगा जुर्माना
कंबाइन मशीनों की होगी जांच, एसएसएस नहीं होने पर लगेगा जुर्माना

जागरण संवाददाता, गोहाना : गोहाना में श्रमिकों की कमी के चलते किसान कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से धान कटवाने पर प्राथमिकता दे रहे हैं। मशीन से धान की कटाई करवाने पर अवशेष प्रबंधन की समस्या बढ़ जाती है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने कंबाइन मशीनों की जांच करनी शुरू कर दी है। जिस मशीन पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (एसएमएस) नहीं लगा होकर कृषि विभाग उसके मालिक पर जुर्माना लगाएगा। इसी के साथ मशीनों को इम्पाउंड भी करवाया जा सकता है।

गोहाना में किसानों ने करीब 55 हजार हेक्टेयर में धान उगा रखा है।। क्षेत्र में अधिकतर किसानों द्वारा 1121, 1095 और बासमती किस्म का धान उगाया जाता है। बहुत कम किसानों ने 1509 और पीआर धान उगाया। 1509 व पीआर धान की फसल पक चुकी है और कटाई अंतिम चरण में है। वहीं अब 1121, 1095 और बासमती धान भी पकना शुरू हो गया है। इसी के साथ कटाई भी शुरू हो गई है। कुछ किसान तो कामगारों से धान की हाथ से कटाई करवा रहे हैं। वहीं अधिकतर किसान कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से धान कटवा रहे हैं। किसान सत्यवान, जोगेंद्र और दलबीर सिंह ने बताया कि कामगारों से धान की कटाई करवाना महंगा पड़ता है और काम भी देर से होता है। इस बार क्षेत्र में अधिक बारिश होने से नीचे खेतों में अब तक बारिश का पानी भरा हुआ है। वहां कामगार कटाई नहीं करते हैं। कंबाइन मशीन पर धान की कटाई के लिए स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगा होना अनिवार्य है। गोहाना में धान की कटाई के लिए करीब 80 कंबाइन आई हैं। इनमें अधिकतर कंबाइन पंजाब के लोगों की हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कंबाइन मशीनों की जांच करेगा। जिस मशीन पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम नहीं लगा मिला उसके मालिक पर जुर्माना लगाया जाएगा। कंबाइन पर स्ट्रा सिस्टम लगा होने से पराली के प्रबंधन में आसानी रहती है।

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अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि क्षेत्र में सभी कंबाइन मशीनों की जांच की जाए। जिस मशीन पर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम न लगा मिले उसके मालिक पर जुर्माना लगाया जाए।

डा. राजेंद्र प्रसाद, एसडीओ, गोहाना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ----

किसानों को पराली प्रबंधन का संकल्प करवाया

हरियाणा कृषि एवं विस्तार संस्थान जींद के तत्वावधान में गांव बिचपड़ी में पराली प्रबंधन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। संस्थान और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने किसानों को पराली प्रबंधन का संकल्प करवाया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ डा. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि पराली के प्रबंधन का कार्य अब मुश्किल नहीं है। जगह-जगह गांवों में कस्टम हायर सेंटर बने हुए हैं। इन सेंटरों में पराली प्रबंधन के कई तरह के यंत्र उपलब्ध हैं। किसान किराये पर यंत्र लेकर पराली का प्रबंध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो किसान अपने खेत में पराली की गांठें बनवाएगा सरकार द्वारा उसे प्रति एकड़ एक हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी। पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना होगा। उन्होंने कहा कि पराली की खेत में जुताई करवाने से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।

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