नए मरीज को दाखिल करने में हो रही परेशानी

बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज का अस्पताल 500 बेड का है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 300 बेड का कोविड विशेष अस्पताल बनाया गया है जबकि 200 बेड सामान्य ओपीडी में आने वाले दूसरी बीमारियों से गंभीर मरीजों के लिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 07:39 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 07:39 PM (IST)
नए मरीज को दाखिल करने में हो रही परेशानी
नए मरीज को दाखिल करने में हो रही परेशानी

जागरण संवाददाता, गोहाना : बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज के अस्पताल के आइसीयू के दस वेंटिलेटर कोविड अस्पताल में मिला दिए गए। इसके बावजूद यहां दबाव कम नहीं हो पाया है। वेंटिलेटर के अलावा कई मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। कोविड अस्पताल में सभी वेंटिलेटर भरे होने से नए मरीज दाखिल करने में परेशानी आ रही है। वहीं अस्पताल के अधिकारियों की आक्सीजन की सप्लाई को लेकर भी चिता है।

बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज का अस्पताल 500 बेड का है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 300 बेड का कोविड विशेष अस्पताल बनाया गया है जबकि 200 बेड सामान्य ओपीडी में आने वाले दूसरी बीमारियों से गंभीर मरीजों के लिए हैं। कोविड विशेष अस्पताल में 40 वेंटिलेटर हैं जो कई दिन से भरे हुए हैं। मरीजों का दबाव बढ़ने पर कालेज प्रशासन ने अस्पताल में दूसरी बीमारियों के मरीजों के लिए आरक्षित आइसीयू को कोविड विशेष अस्पताल में शामिल कर दिया है। आइसीयू में 10 वेंटिलेटर हैं। ये वेंटिलेटर भी साथ के साथ भर जाने से दबाव कम नहीं हो पाया। कोविड अस्पताल में करीब 130 मरीज दाखिल हैं जिनमें वेंटिलेटर के अलावा अन्य अधिकतर मरीज आक्सीजन स्पोर्ट पर हैं। अस्पताल में रोजाना आक्सीजन के करीब 600 सिलेंडरों की खपत हो रही है। अस्पताल में पहले हिसार प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति होती थी। वहां के प्लांट में तकनीकी कमी आने के बाद प्रशासन द्वारा सोनीपत की एक कंपनी से यहां आक्सीजन की सप्लाई दिलवाई जा रही है। सोनीपत की एजेंसी से गाड़ी दिन में तीन से चार बार चक्कर लगा कर यहां आक्सीजन पहुंचा रही है।

नेताओं का दबाव भी बढ़ा

कोविड विशेष अस्पताल में मरीजों को दाखिल करवाने के लिए नेता बार-बार अधिकारियों को फोन कर रहे हैं। नेता के फोन आने पर अधिकारियों के पास एक ही जवाब है जितने संसाधन हैं उससे अधिक मरीज पहले ही दाखिल हैं।

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अस्पताल के आइसीयू के दस वेंटिलेटर कोविड विशेष अस्पताल में शामिल कर लिए गए हैं। अब यहां वेंटिलेटर 50 हो गए हैं लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते दबाव कम नहीं हुआ है। वेंटिलेटर और अस्पताल में आक्सीजन स्पोर्ट पर पहले जो मरीज दाखिल हैं उनके ठीक होने पर ही दूसरे मरीज दाखिल किए जा सकते हैं।

डा. धीरज, पीआरओ, बीपीएस राजकीय महिला मेडिकल कालेज

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