गलत पंजीकरण बना किसानों के गले की फांस, फसल बेचने में दिक्कत

किसानों को मंडी में फसलों को बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसलों का गलत पंजीकरण होना है। इसके अलावा ई-गिरदावरी में फसलों का मिलान नही होने से किसानों को फसल बेचने में परेशानियां हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 02:06 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 02:06 PM (IST)
गलत पंजीकरण बना किसानों के गले की फांस, फसल बेचने में दिक्कत
गलत पंजीकरण बना किसानों के गले की फांस, फसल बेचने में दिक्कत

संवाद सहयोगी, गोहाना : किसानों को मंडी में फसलों को बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर फसलों का गलत पंजीकरण होना है। इसके अलावा ई-गिरदावरी में फसलों का मिलान नही होने से किसानों को फसल बेचने में परेशानियां हो रही हैं। समस्या के समाधान को लेकर किसान हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कार्यालय के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।

किसान शमशेर, अजमेर, राजेश ने कहा कि गलत ई-गिरदावरी के चलते फसल बेचने में परेशानी हो रही है। खेत में बाजरा है और ई-गिरदावरी में धान दिखा रखी है। ई-पोर्टल पर धान है तो ई-गिरदावरी में बाजरे की फसल चढ़ा रखी है। अधिकारियों के अनुसार जानकारी के अभाव में किसानों को परेशानी हो रही हैं। मैसेज के अनुसार मंडी में फसल लानी चाहिए। दिनभर में करीब 8-10 किसान अपनी समस्या को लेकर कार्यालय में पहुंच रहे हैं। समस्या का समाधान के लिए उन्हें रास्ता बताया जाता है।

मैंने चार एकड़ में बाजरे की फसल बो रखी है लेकिन सिर्फ 23 क्विंटल का ही मैसेज आया है। 32 क्विटल बाजरे की पैदावार हुई है, बाकी बाजरे को कहां लेकर जाऊंगा। वापस लाने-लेजाने में कई हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। सरकार को किसान की सुविधानुसार व्यवस्था करनी चाहिए।

- अतर सिंह, किसान, गांव पुरखास

मैंने तीन एकड़ बाजरे की फसल का पंजीकरण करवा रखा है, लेकिन मैसेज केवल दो एकड़ बाजरा बेचने का मिला है। एक एकड़ बाजरे की फसल का क्या करूंगा। जब तीन एकड़ बाजरे की फसल का पंजीकरण कर रखा है तो तीन एकड़ बाजरे का मैसेज भेजना चाहिए। जिस अधिकारी ने एक एकड़ कम किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

-बिजेंद्र मलिक, किसान, गांव मदीना

मेरी फसल मेरा ब्योरा ई-पोर्टल की जानकारी के अभाव में किसानों को परेशानी हो रही है। पोर्टल पर पंजीकरण करते समय गलती हो जाती है। समस्या के समाधान के लिए उन्हें रास्ता बता दिया जाता है। फसल का मिलान नहीं होने पर किसान को कृषि विभाग में संपर्क करना चाहिए।

-जगजीत सिंह, सचिव, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, गोहाना

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