रामकरण ने दो साल पहले बना ली थी अजय की हत्या की साजिश
गांव बैंयापुर के गैंगस्टर रामकरण ने संदीप बड़वासनी गैंग के शार्प शूटर गांव बरोणा के अजय उर्फ बिट्टू की हत्या कराने के लिए करीब दो साल पहले ही साजिश बना ली थी।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : गांव बैंयापुर के गैंगस्टर रामकरण ने संदीप बड़वासनी गैंग के शार्प शूटर गांव बरोणा के अजय उर्फ बिट्टू की हत्या कराने के लिए करीब दो साल पहले ही साजिश बना ली थी। वह योजना को अंजाम देने के लिए मजबूत मोहरे को तलाश रहा था। आखिरकार उसे डेढ़ साल पहले सिपाही महेश के रूप में मजबूत मोहरा मिला। रामकरण ने महेश का खर्चा उठाना शुरू कर दिया और उसे अजय की हत्या करने के लिए लालच दिया। पुलिस रामकरण को रिमांड पर लेकर उससे गहनता से पूछताछ कर रही है।
गैंगस्टर रामकरण और संदीप बड़वासनी में छह साल पहले दुश्मनी इस कदर बढ़ गई थी कि दोनों एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे। 2016 में रामकरण ने खाकी के मोहरे के रूप में पुलिसकर्मी संजीत का इस्तेमाल करते हुए संदीप बड़वासनी और उसके दो साथियों की हत्या करवा दी थी। संदीप बड़वासनी की हत्या के बाद उसके गैंग की कमान शार्पशूटर खरखौदा में गांव बरोणा के अजय उर्फ बिट्टू ने संभाल ली थी। रामकरण को अजय से डर था कि कहीं वह उसकी हत्या न करवा दे। रामकरण ने इसके लिए दो साल पहले जाल बिछा दिया था। रामकरण ने अजय की गारद में ही शामिल रोहतक के सिपाही महेश को लालच देकर सूचना देने के लिए तैयार किया। उसने महेश का डेढ़ साल पहले से ही खर्चा भी उठाना शुरू कर दिया था। महेश ने अजय के पिता की रिकार्डिंग को रामकरण को सुनाया तो वह दंग रह गया था। कृष्णचंद उससे बदला लेने के लिए रामकरण की हत्या कराना चाहता था। रामकरण ने इसके बाद अजय और उसके पिता कृष्णचंद की हत्या कराने की साजिश बनाई। इसके लिए बदमाश तैयार किए गए। अजय पुलिस की गिरफ्त में था तो उसकी हत्या के लिए सिपाही उसे सबसे बेहतर मोहरा मिला। कृष्णचंद की हत्या के लिए बदमाश मोनू लल्हेड़ी को तैयार किया। 18 मार्च को सोनीपत में कोर्ट पेशी में दौरान सिपाही महेश ने अजय को तीन गोली मारी लेकिन वह बच गया। उसी दिन मोनू लल्हेड़ी और उसके साथियों ने गांव बरोणा में पहुंचकर कृष्णचंद की हत्या कर दी। पुलिस ने रामकरण को पांच दिन की रिमांड पर लिया।