समस्या समाधान के लिए आरटीआइ को बनाया हथियार

सूचना के अधिकार को हथियार बनाकर पंचशील कॉलोनी निवासी रेल वार्डन ममलेश्वर अग्रवाल लोगों की आम समस्याओं के समाधान कराने से लेकर व्यवस्थाओं की पोल भी खोल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गली के बीचोंबीच आ गए बिजली के खंभे को हटवाने के लिए उन्होंने सूचना का अधिकार को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 06:34 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 06:20 AM (IST)
समस्या समाधान के लिए आरटीआइ को बनाया हथियार
समस्या समाधान के लिए आरटीआइ को बनाया हथियार

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

सूचना के अधिकार (आरटीआइ) को हथियार बनाकर पंचशील कॉलोनी निवासी रेल वार्डन ममलेश्वर अग्रवाल लोगों की आम समस्याओं के समाधान कराने के साथ ही व्यवस्थाओं की पोल भी खोल रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गली के मध्य आए बिजली के खंभे को हटवाने के लिए उन्होंने सूचना के अधिकार को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। पूरी गली के लोगों की परेशानी और बिजली निगम के चक्कर काटकर थक चुके लोगों के लिए यह बड़ी राहत थी। ममलेश्वर कार्यप्रणाली में सुधार से पहले पीछे नहीं हटते और व्यवस्था दुरुस्त होने तक संबंधित विभाग के गले की हड्डी बने रहते हैं।

सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए ममलेश्वर कई वर्षों से सूचना के अधिकार को आम आदमी की ताकत बनाए हुए हैं। अपने आस-पड़ोस से जुड़ी समस्याओं के सुधार के लिए शुरुआत की गई उनकी पहल अब यहां तक आ पहुंची है कि अन्य कॉलोनियों व दूर-दराज के लोग भी अपनी शिकायत लेकर उनके पास पहुंचते हैं। ममलेश्वर के प्रयासों ने कई मौकों पर विभिन्न सरकारी विभागों की कमियों को उजागर किया है। वहीं उनके द्वारा दायर की गई आरटीआइ विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार के साथ ही लोगों की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में खूब काम आई है।

मूलरूप से गांव राठधना निवासी ममलेश्वर समाजसेवा के कार्यों में जुटे हैं। साथ ही रेल वार्डन की जिम्मेदारी भी संभालते हैं। वह लोगों को आरटीआइ की ताकत के बारे में अवगत करा रहे हैं। ममलेश्वर ने करीब 15 साल पहले जनसेवा की पहल शुरू की थी। तब वह महज अपने परिवार से लेकर पड़ोसियों की मदद के लिए आगे रहते थे। एक बार उनके पड़ोसी के 50 गज के मकान का 50 हजार रुपये हाउस टैक्स बिल आया। पड़ोसी बिल को गलत समझकर नगर परिषद के चक्कर काटता रहा, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद ममलेश्वर ने उनकी आरटीआइ लगवाई और अधिकारियों को बिल की गड़बड़ी ठीक करने पर विवश कर दिया। उन्होंने बिल को 50 हजार से 4500 रुपये तो कराया ही, साथ ही उस समय के नियमानुसार 50 गज तक के मकान पर हाउस टैक्स की छूट भी दिलवाई।

पड़ोसी की इस मदद के बाद तो उन्होंने लोगों की मदद के लिए अपने घर के द्वार ही खोल दिए। अब किसी को कोई दिक्कत होती, तो वह ममलेश्वर से अपनी परेशानी साझा करते। इसके बाद ममलेश्वर संबंधित विभागों में आरटीआइ व लिखित शिकायत देकर उनकी समस्या का हल भी निकलवा देते। उन्होंने रेलवे में बरती जा रही कई अनियमितताओं को भी उजागर किया है। चाहे वह अवैध रूप से पार्किंग अलॉट करने का मामला हो या रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली तमाम सुविधाओं में पाई गई खामियां। उन्होंने रेलवे से संबंधित लगभग हर मुद्दे पर आरटीआइ के जरिए यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान कराने में अहम भूमिका अदा की है।

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