शेड पर आढ़तियों का कब्जा, खुले में धान रख रहे किसान

गोहाना की जींद रोड स्थित नई अनाजमंडी में धान की फसल की आवक दिनोंदिन बढ़ रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:48 PM (IST)
शेड पर आढ़तियों का कब्जा, खुले में धान रख रहे किसान
शेड पर आढ़तियों का कब्जा, खुले में धान रख रहे किसान

संवाद सहयोगी, गोहाना : जींद रोड स्थित नई अनाजमंडी में धान की फसल की आवक दिनोंदिन बढ़ रही है। आढ़तियों ने खरीदी हुई धान को बोरियों में भरकर एक-दूसरे के ऊपर डालकर शेड के नीचे रख दिया है। ऐसे में शेडों के नीचे जगह नहीं मिलने पर किसान खुले में फसल डालने पर मजबूर हैं। दो दिन की बूंदाबांदी में किसानों की फसल मंडी में भीग गई थी।

किसानों की फसल को बारिश से बचाने के लिए नई अनाजमंडी में दो शेड बना रखे हैं और तीसरा शेड निर्माणाधीन है। नियम के अनुसार यह शेड किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं, लेकिन शेड के नीचे आढ़तियों ने कब्जा कर लिया है। आढ़तियों द्वारा फसल खरीदने के बाद शेड के नीचे बोरियों के चट्टे लगा दिए गए हैं जिससे किसानों को फसल डालने के लिए जगह नहीं मिलती। मजबूरी में खुले आसमान के नीचे फसल डालनी पड़ती है। दो दिन पहले मौसम खराब था। किसानों की फसल खुले आसमान के नीचे पड़ी रही और आढ़तियों की बोरियां शेड के नीचे थीं। ऐसे में किसानों को शेड के नीचे फसल डालने के लिए जगह नहीं मिली। किसानों की फसल को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल से ढका गया, लेकिन ढेरियां भीग गई और उनमें नमी की मात्रा बढ़ गई।

मंडी में धान की आवक हुई तेज : मंडी में पीआर धान करीब 84,617 क्विंटल की आवक हो चुकी है जिसमें से 90,675 बोरियों का उठान हो चुका है। इसके अलावा 1121 किस्म की 5,565 क्विंटल, सरबती की 470 और 1,509 की 75,527 क्विंटल आवक हो चुकी है। सभी का उठान हो चुका है।

वर्जन

धान की फसल लेकर आया था, लेकिन मंडी में शेड के नीचे धान से भरी बोरियां लगी हुई हैं। इस कारण फसल खुले आसमान के नीचे में ही डालनी पड़ रही है। शेड किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। यहां पर केवल किसान की फसल ही डलनी चाहिए। इसकी व्यवस्था करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है।

- संजीव आर्य, किसान, गांव कंसाला किसानों की सुविधा के लिए मंडी में दो शेड बने हुए हैं और तीसरे शेड का निर्माण कार्य चल रहा है। किसान और आढ़ती का तालमेल अच्छा है। तालमेल के हिसाब से फसल डलवाई जाती है और आढ़ती द्वारा फसल को सुरक्षित रखा जाता है। किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाता।

-जितेंद्र कुमार, सचिव, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, गोहाना

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