गांव बिलबिलान में गहराई पेयजल की समस्या

गांव बिलबिलान में करीब 10 दिन से पेयजल की समस्या गहराई है। जनस्वास्थ्य विभाग की नियमित पेयजल की सप्लाई नहीं आने से ग्रामीण परेशान हैं। महिलाओं को नलकूपों या ट्यूबवेलों से मटकों में पानी ढोने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 06:01 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 06:01 PM (IST)
गांव बिलबिलान में गहराई पेयजल की समस्या
गांव बिलबिलान में गहराई पेयजल की समस्या

जागरण संवाददाता, गोहाना: गांव बिलबिलान में करीब 10 दिन से पेयजल की समस्या गहराई है। जनस्वास्थ्य विभाग की नियमित पेयजल की सप्लाई नहीं आने से ग्रामीण परेशान हैं। महिलाओं को नलकूपों या ट्यूबवेलों से मटकों में पानी ढोने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

गांव बिलबिलान की बिमला, कमलेश, मुकेश, पिकी, रेखा, सुनीता, प्रीति, सुदेश आदि ने कहा कि गांव के आधे हिस्से में करीब 10 दिन से पेयजल संकट बना हुआ है। आधे हिस्से में नियमित पेयजल की सप्लाई नहीं हो रही है। महिलाओं का कहना है कि जलघर का आपरेटर भेदभाव कर रहा है। आपरेटर आधे हिस्से में रोजाना पेयजल सप्लाई देता है और आधे में नहीं।

आधे हिस्से में तीन से चार दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई दी जाती है। महिलाओं का आरोप है कि आपरेटर व कुछ लोगों ने साठगांठ कर रखी है। जो पानी ग्रामीणों को पीने व नहाने के लिए मिलना चाहिए, उससे फसलों की सिचाई करवा दी जाती है। पांच माह पहले भी पेयजल की समस्या गहराई थी। तब अधिकारियों से शिकायत करने के कई दिन बाद समस्या का समाधान हुआ था। इस बार शिकायत करने के बाद समाधान नहीं हुआ है। पेयजल व्यवस्था पर खर्च किए गए हैं करोड़ों रुपये: गांव बिलबिलान की महिलाओं का कहना है कि सरकार ने उनके गांव में पेयजल व्यवस्था पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। गांव की आबादी करीब ढाई हजार है। गांव में जलघर बना हुआ है। इसके अलावा पेयजल सप्लाई के लिए ट्यूबवेल का भी दूसरा विकल्प है। इसके बावजूद गांव में पेयजल की समस्या बार-बार गहरा रही है। महिलाओं ने उच्च अधिकारियों से मांग की कि जांच करवा कर जिस स्तर पर लापरवाही मिले उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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