टीवी पर प्रो कबड्डी खिलाड़ियों को खेलते देखा तो प्रियंका के मन में आया खेलने का जुनून

घर पर टीवी में खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी खेलते देखा। इस पर म

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 08:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 08:18 PM (IST)
टीवी पर प्रो कबड्डी खिलाड़ियों को खेलते देखा तो प्रियंका के मन में आया खेलने का जुनून
टीवी पर प्रो कबड्डी खिलाड़ियों को खेलते देखा तो प्रियंका के मन में आया खेलने का जुनून

महेंद्र सिंह मेहरा, सिरसा : घर पर टीवी में खिलाड़ियों को प्रो कबड्डी खेलते देखा। इस पर मन में कबड्डी खेलने का जुनून पैदा हो गया। इसके बाद कबड्डी खेलना शुरू कर दिया। जब खंड स्तर पर सराहनीय प्रदर्शन किया तो मन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। ये कहना गांव कर्मशाना की नेशनल स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी प्रियंका का। प्रियंका ने मार्च 2020 में जयपुर में हुई 67वीं सीनियर नेशनल चैपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया। हरियाणा की टीम ने कांस्य पदक जीता।

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दसवीं कक्षा से खेलना किया शुरू

प्रियंका ने बताया कि दसवीं कक्षा में वर्ष 2017 में खेलना शुरू किया। स्कूल में कोच नहीं होने पर छात्राओं के साथ कबड्डी खेलने लगी। इसके बाद 11वीं कक्षा में आरोही स्कूल खारी सुरेरा में दाखिला ले लिया। स्कूल में कबड्डी टीम में प्रियंका खेलने लगी। आरोही स्कूल की तरफ से खेलते हुए वर्ष 2018 में खंड स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। बाद में जिला स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। जिस पर वर्ष 2019 में राज्य स्तर पर भी परचम लहराया। वहीं प्रियंका ने मार्च 2020 में जयपुर में हुई 67वीं सीनियर नेशनल चैपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया। हरियाणा की टीम ने कांस्य पदक जीता।

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तीनों बहन भाई खिलाड़ी

गांव कर्मशाना निवासी रविद्र कुमार की दो बेटियां व एक बेटा है। बड़ी बेटी कविता खो-खो की खिलाड़ी है, जो स्टेट लेवल तक खेल चुकी है। वहीं प्रियंका कबड्डी नेशनल स्तर पर खेल चुकी है। सबसे छोटा बेटा सूर्य हाकी का खिलाड़ी है। जो अंडर 12 वर्ष की टीम में खेलों हरियाणा में खेल चुका है।

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कोरोना में बहन के साथ करती रही अभ्यास

प्रियंका ने बताया कि कोरोना काल में लाकडाउन लग गया। जिस पर घर व स्कूल के खेल ग्राउंड में अभ्यास जारी रखा। अपनी बहन कविता के साथ प्रतिदिन डेढ़ से दो घंटे तक तैयारी करती थी। इसी की बदौलत हरियाणा टीम में जगह बनाए रखी। अब मेरा लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियन गेम 2022 में होने वाली चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने का है। जिसके लिए प्रतिदिन छह घंटे तक अभ्यास कर रही हूं।

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माता-पिता का मिलता है पूरा सहयोग

प्रियंका ने बताया कि कबड्डी खेलने में हमेशा माता पिता का सहयोग मिल रहा है। जिस दिन कबड्डी खेलने के बारे में पूछा पिता ने सहमति दी। इसी के साथ जहां भी खेलने जाती माता बिमला हमेशा खाना तैयार करते देती। इसी के साथ दोनों बहनों की डाइट पर भी पूरा ध्यान देती है। प्रियंका के पिता रविद्र कुमार व माता बिमला ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी है कि दोनों बेटियां अच्छा खेल रही है। हम चाहते हैं कि बेटियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलें।

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