कभी पटियाला रियासत में तहसील था गांव साहुवाला प्रथम

बड़ागुढ़ा क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाईवे नंबर नौ के दोनों ओर स्थि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:13 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:13 PM (IST)
कभी पटियाला रियासत में तहसील था गांव साहुवाला प्रथम
कभी पटियाला रियासत में तहसील था गांव साहुवाला प्रथम

संवाद सहयोगी, बड़ागुढ़ा : बड़ागुढ़ा क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाईवे नंबर नौ के दोनों ओर स्थित गांव साहुवाला प्रथम करीब चार सौ वर्ष पूर्व बसा था। गांव में सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल रहते हैं। गांव की आबादी करीब 5000 है। गांव में 3200 मतदाता हैं, गांव का रकबा 4650 एकड़ है। गांव में 12 वार्ड हैं। कभी यह गांव पटियाला रियासत में आता था, उस समय गांव में तहसील बनी हुई थी। उक्त प्राचीन इमारत को हाई वे को चौड़ा करने के लिए हटा दिया गया। गांव हाई वे के दोनों ओर बसा है, इस कारण सड़क क्रास करते समय दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि गांव के बाहर से बाईपास बनाया जाए तो लोगों को काफी सुविधा होगी। गांव में अधिकतर साधन संपन्न लोग खेतीबाड़ी करते हैं ।

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स. गंगा सिंह रहे 28 साल तक सरपंच, गांव में ही सुलझा लिए जाते थे मसले

पंजाब के मल सिंह वाला से आकर गांव में बसे काफी जमींदार घराने में से गांव में आजादी के बाद 1952 में सर्वप्रथम सरपंच स. गंगा सिंह भंगू बने जोकि करीब 28 वर्ष तक सरपंच पद पर बने रहे। उस समय हर तरह के मसलों को गांव में ही सुलझा लिया जाता था। स. गंगा सिंह एसजीपीसी सदस्य भी रहे। उनका बड़ा बेटा प्रकाश सिंह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रधान हैं जबकि दूसरा बेटा राजनीति में सक्रिय जसवीर सिंह जस्सा है। मौजूदा समय निवर्तमान महिला सरपंच रमनदीप कौर भंगू हैं। गांव में नेशनल हाई वे पर गुरुद्वारा साहिब है जो कि सभी लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। गांव में धार्मिक कार्यक्रम या अन्य कोई सांझे मसले अधिकतर गुरुद्वारा साहिब में ही इकठ्ठे होकर हल किए जाते हैं। गुरुद्वारा साहिब के आसपास मार्केट बनी हुई है । गांव में पशु अस्पताल बना हुआ है। गांव में सब सेंटर है लेकिन ग्रामीणों की पीएचसी बनाने की मांग है। गांव में कर्मगढ़ रोड पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बना हुआ है जोकि अभी कुछ समय पहले सही अपग्रेड हुआ। गांव में पुराने तालाब बने हुए हैं। गांव में किसानों को उनकी गेहूं व अन्य उपज बेचने के लिए खरीद केंद्र बना हुआ है। गांव में सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक शाखा की सुविधा उपलब्ध है। अधिकतर गली नालियां पक्की है। ग्रामीणों की सुविधा के लिए पीने के स्वच्छ पानी के लिए जलघर बना हुआ है। गांव में बेसहारा घूम रहे पशुओं के लिए ग्रामीणों ने एक बड़ी गोशाला का निर्माण किया है, जिसमें काफी समय में अब गोवंश है। गांव को पड़ोसी गांव भंगू, रघुआना, कर्मगढ़, पंजुआना, खुईया नेपाल पुर, छतरियां आदि गांवों को जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछा हुआ है।

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