चलो गांव की ओर ::: पांच पीरों के नाम पर बसे गांव पंजुआना के शक्कर पारे मशहूर

सिरसा-डबवाली नेशनल हाईवे के समीप करीब 450 साल पहले बसे गांव

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 05:04 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 05:04 AM (IST)
चलो गांव की ओर ::: पांच पीरों के नाम पर बसे गांव पंजुआना के शक्कर पारे मशहूर
चलो गांव की ओर ::: पांच पीरों के नाम पर बसे गांव पंजुआना के शक्कर पारे मशहूर

गुरनैब दंदीवाल, बड़ागुढ़ा : सिरसा-डबवाली नेशनल हाईवे के समीप करीब 450 साल पहले बसे गांव पंजुआना की आज अलग पहचान है। इस गांव को पहचान शक्कर पारे, भूजिया, बालूशाही से मिली है। गांव में दो दर्जन से अधिक परिवार मिठाई निर्माण के कार्य से जुड़े है तो परोक्ष रूप से 200 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। गांव में थोक की मिठाई की 10 से अधिक दुकानें हैं। गांव की एक और खास विशेषता है गांव में से गुजरती दो नहरें और प्योरीफाइ वाटर व‌र्क्स, जिसके माध्यम से सिरसा शहर में नहरी पानी की आपूर्ति होती है। यहां बनने वाली मिठाइयों की क्वालिटी बहुत अच्छी मानी गई है। खेतीबाड़ी के अलावा मिठाई बनाने का कारोबार अपनाकर ग्रामीण आत्मनिर्भर बने है।

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गांव में करीब 12 वार्ड बने हुए हैं और करीब 3000 मतदाता है। गांव का रकबा करीब 2900 एकड़ है। गांव में राजकीय स्कूलों के अलावा निजी स्कूल बना हुआ है। गांव में गुरुद्वारा साहिब, मंदिर, मस्जिद, पीरखाने बने हुए हैं जिनके प्रति लोगों की आस्था बनी हुई है। गांव में सभी धर्मों के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं। गांव में धर्मशालाएं, आंगनबाड़ी केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, बिजली घर, पोस्ट आफिस आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं। गांव के आसपास गत्ता फैक्ट्री, कुलर फैक्ट्री, कॉटन फैक्ट्री, इंसुलेटर, आरओ एवं साबुन फैक्ट्री बनी हुई है। -------- पूर्व सरपंच अमर सिंह ने बताया कि गांव में गलियों चौराहे पर जगह-जगह कैमरे लगे हुए हैं। ग्राम पंचायत द्वारा गली नालियों को पक्का करने एवं गांव में विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाया गया। गांव में गोशाला बनी हुई है, इसके अलावा गांव में पंजुआना योग समिति एवं एडवांस युवा क्लब बना हुआ है। क्लब प्रधान देवेन्द्र सिंह ने बताया कि एडवांस युवा क्लब गांव में सफाई अभियान व अन्य कार्य किए जा रहे है। ------- ग्रामीणों की मुख्य मांगों में राजकीय उच्च विद्यालय को अपग्रेड करके बारहवीं कक्षा तक करना है ताकि पढ़ाई के लिए बच्चों को दूसरे गांवों में जाना न पड़े। गांव में स्ट्रीट लाइटें लगवाना, बस स्टैंड, फिरनी एरिया को पक्का करने, पीएचसी बनवाने तथा लाइब्रेरी बनाना इत्यादि शामिल है। गांव में बने बड़े वाटर व‌र्क्स के माध्यम से गांव में भी स्वच्छ पानी की सप्लाई की मांग मुख्य है।

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