धोतड़ जाति के लोगों के नाम पर गांव का नाम पड़ा धोतड़

पांच हजार की आबादी वाला गांव धोतड़ तहसील रानियां से नौ किलोमीटर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 06:30 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 06:30 PM (IST)
धोतड़ जाति के लोगों के नाम पर गांव का नाम पड़ा धोतड़
धोतड़ जाति के लोगों के नाम पर गांव का नाम पड़ा धोतड़

अर्जुन कुमार, रानियां :

पांच हजार की आबादी वाला गांव धोतड़ तहसील रानियां से नौ किलोमीटर व जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर स्थित है। गांव में 36 बिरादरी के लोग आपसी भाईचारे व सौहार्दपूर्ण भाव से रहते हैं। निवर्तमान सरपंच विनोद सहारण ने बताया कि यह गांव मुसलमान सिकंदर का था। सन 1857 की क्रांति के बाद सिखों ने गांव खरीद लिया। उस समय रामदत्त सेठ के पास गांव के बुजुर्ग लोग गए और गांव को सहमति से दलू राम मेहला के नाम पर छुड़वा लिया। गांव में धोतड़ जाति के लोग मुसलमान सिकंदर के समय से ही रहते हैं। धोतड़ जाति के नाम से ही गांव का नाम धोतड़ पड़ गया। गांव की मातृभाषा हिदी है। मुख्य व्यवसाय के रूप में कृषि व किन्नू बागवानी प्रमुख है। गांव में बाबा अमरनाथ डेरा, रामदेव मंदिर व कबीर आश्रम, राधा-कृष्ण मंदिर, हनुमान मंदिर, गोगामेडृी व बाबा अमरनाथ गोशाला धार्मिक आस्था के केंद्र है। गांव के बेगराज, गुरदयाल व गोपाल भूतपूर्व शहीद सैनिक है।

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विकास के पथ पर गांव

निवर्तमान सरपंच विनोद सहारण के कार्यकाल में गांव के बरसाती पानी निकासी के लिए पाइप लाइन घग्गर नदी में डाली गई तथा हर्बल पार्क तैयार किया गया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, राजकीय प्राथमिक कन्या व लड़कों की पाठशालाओं का सुंदरीकरण, रंग रोगन व स्कूल के भीतर पक्के रास्ते बनाए गए। स्टेडियम में खेल चबूतरा व पक्की चारदीवारी, श्मशान भूमि, गांव का स्वागत प्रवेश द्वार, पक्की इंटरलाकिग गलियां, गलियों में सोलर लाइट व पौधारोपण से गांव की खूबसूरती बढ़ी है। गांव में चौ. देवी लाल पार्क, आंगनबाड़ी केंद्रों व ग्राम सचिवालय में रंग रोगन कर सुंदर बनाया गया है। शहीद भगत सिंह, डा.भीमराव आंबेडकर व महाराजा सूरजमल की प्रतिमा का निर्माण करवाया गया। गांव के सभी जोहड़ के घाटों को पक्का किया गया।

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गांव एक नजर

गांव में अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग चौपाल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, राजकीय कन्या माडल प्राथमिक पाठशाला व लड़कों की प्राथमिक पाठशाला है। चार आंगनबाड़ी केंद्र, चार सामुदायिक जोहड़, इफको सेंटर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु अस्पताल, जलघर, 33 केवीए बिजली घर व सीएससी सेंटर की सुविधा उपलब्ध है। गांव में शिवाजी युवा क्लब व जय भारत युवा क्लब हैं। गांव में पिछले 30 वर्षों से वार्षिक कबड्डी, क्रिकेट व दौड़ प्रतियोगिताएं करवाई जाती हैं बाबा रामदेव मंदिर में हर वर्ष अगस्त महीने में बड़ा सत्संग व लंगर भंडारा एवं बाबा अमरनाथ डेरे में मासिक सत्संग व भंडारा आयोजित किया जाता है ।

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अभी विकास की दरकार

पांच हजार आबादी वाले गांव में एक भी बैंक शाखा नहीं है। बैंकिग सेवाओं के लिए ग्रामीणों को पड़ोसी गांव पर निर्भर रहना पड़ रहा है। अनाज खरीद केंद्र की प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ पाई है। गांव में ओपन जिम की कमी भी महसूस हो रही है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कामर्स व नान मेडिकल संकाय शुरू नहीं हो पाए हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा केंद्र भी नहीं बन पाया है।

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