फसली सीजन की तरह है मार्केटिग बोर्ड अधिकारियों की कार्यप्रणाली

फसली सीजन शुरू होते ही मार्केटिग बोर्ड के अधिकारी फील्ड में उतरत

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 10:48 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 10:48 PM (IST)
फसली सीजन की तरह है मार्केटिग बोर्ड अधिकारियों की कार्यप्रणाली
फसली सीजन की तरह है मार्केटिग बोर्ड अधिकारियों की कार्यप्रणाली

संवाद सहयोगी, डबवाली : फसली सीजन शुरू होते ही मार्केटिग बोर्ड के अधिकारी फील्ड में उतरते हैं। अनाज मंडी की अव्यवस्थाएं नजर आने लगती हैं। फिर एस्टीमेट बनने शुरू हो जाते हैं। जैसे-तैसे एस्टीमेट को मुख्यालय तक पहुंचाया जाता है। सीजन बीतने के बाद अधिकारी कमरों में घुस जाते हैं। भेजे गए एस्टीमेट पर फालोअप नहीं होता, इस वजह से अव्यवस्था बरकरार रहती है। अगला फसली सीजन आता है तो फिर वही प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डबवाली अनाज मंडी में साढ़े चार दशक पुराने शैड जर्जर हो चुके हैं। बारिश के दिनों में पानी टपकता है। शैड तले रखी फसल खराब हो जाती है। शैड बदलने की उपरोक्त कहानी कई सालो से चली आ रही है। अधिकारियों की लापरवाही की लीकेज बरकरार है। कई बार कच्चा आढ़ती एसोसिएशन मांग को उठा चुकी है। ---- एस्टीमेट मुख्यालय में रह गया अनाज मंडी के ब्लाक ए में लगे शैड को बदलने के लिए मार्केटिग बोर्ड ने पिछले वर्ष 65 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेजा था। एस्टीमेट वहीं ठहर गया। इस वजह से शैड बदले नहीं गए। कपास मंडी में आनी शुरू हो गई है। 25 सितंबर से धान का सीजन शुरू होने वाला है। अव्यवस्थाएं पुन: सामने आने लगी है। इस बीच बोर्ड के अधिकारियों ने नए सिरे से एस्टीमेट बनाकर भेजने की तैयारियां शुरु कर दी हे। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि नए गोदामों में प्रयोग होने वाली शीट से नए शैड बनाए जाएंगे। कब बनाए जाएंगे, यह पूछने पर अधिकारी चुप्पी साध लेते है।

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अनाज मंडी शैड जर्जर हालत में है। जिसकी दशा को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इतना ही कह सकता हूं कि बारिश से बचने के लिए अधिकारी शैड तले आ जाएं, पता चल जाएगा कि शैड कहां-कहां से नहीं टूटा हुआ।

- गुरदीप कामरा, प्रधान, कच्चा आढ़ती एसोसिएशन, डबवाली।

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अनाज मंडी के ए ब्लाक में शैड की दशा काफी खराब है। शैड के नीचे रखी फसल तक भीग जाती है। एसडीएम राजेश पूनियां के मामला संज्ञान में है। उन्होंने मार्केटिग बोर्ड अधिकारियों को जल्द कार्रवाई करने के लिए कहा है।

- वीरेंद्र मेहता, सचिव, मार्केट कमेटी डबवाली।

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अनाज मंडी का एक ब्लाक काफी पुराना है। शैड जर्जर हालत में है। फरवरी 2020 में 65 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर भेजा था। कोरोना की वजह से मंजूरी नहीं मिली। अब नए सिरे से शैड बदलने का एस्टीमेट बनाकर भेजा जाएगा।

-भूप सिंह बैनीवाल, एसडीओ, मार्केटिग बोर्ड सिरसा।

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