तीन दिन बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ कालुआना माइनर के पुल का समाधान
गोरीवाला के स्टेट हाईवे 32 पर ऐलनाबाद रोड पर गांव गोरीवाला के पास से गुजरने वाली कालुआना माइनर के पुराने तंग पुल की जगह नए पुल का निर्माण कार्य में हो रही देरी की वजह से अस्थाई रूप डाली गई पाइप में कचरा फंसने की वजह से नहर ओवरफ्लो हो गई। जहां लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी की मदद से पाइप को बाहर निकाला और रास्ते को भी डाइवर्ट किया गया।
संवाद सहयोगी, गोरीवाला: गोरीवाला के स्टेट हाईवे 32 पर ऐलनाबाद रोड पर गांव गोरीवाला के पास से गुजरने वाली कालुआना माइनर के पुराने तंग पुल की जगह नए पुल का निर्माण कार्य में हो रही देरी की वजह से अस्थाई रूप डाली गई पाइप में कचरा फंसने की वजह से नहर ओवरफ्लो हो गई। जहां लोक निर्माण विभाग ने जेसीबी की मदद से पाइप को बाहर निकाला और रास्ते को भी डाइवर्ट किया गया।
जानकारी के अनुसार बुधवार रात नहर के पुल को तोड़कर कर डाली गई पाइप में कचरा जमा होने से पानी नहर से ओवरफ्लो होने लगा। सूचना मिलते ही आसपास के खेतों के किसान मौके पर पहुंचे। नहर के टूटने का अंदेशा देख नहरी विभाग तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई, लेकिन कई घंटों तक कोई भी अधिकारी नही पहुंचा। जहां जेसीबी की मदद से कचरे को बाहर निकालने का काम शुरू किया गया। पुल बंद होने से स्टेट हाइवे पर कई घंटों तक जाम लगा रहा। जहां विभाग की ओर से बेरिकेड्स लगा रास्ते को नहर की पटरी के साथ गांव गोरीवाला से अम्बेडकर चौक की तरफ डाइवर्ट किया गया है।
बता दे कि गांववासियों व आसपास के किसानों को कालुआना माइनर पर पुल की चौड़ाई और पानी निकासी के लिए गहराई कम होने के कारण बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते स्टेट हाईवे 32 पर नए सिरे से पुल के निर्माण कार्य शुरू किया गया।
इससे पहले भी अक्सर ही पुल के नीचे कचरे की वजह से पुलिया बंद हो जाती थी। किसानों को नहर टूटने के खतरे और अन्य कई परेशानी आती थी। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पूर्व ही लोक निर्माण विभाग द्वारा 88 लाख 77 हजार की लागत से नए चौड़े पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया। जिसके लिए वन-वे साइड पर पुल को तोड़कर पाइप डाली गई थी। दूसरे हिस्से को पूरा तोड़ दिया गया था, लेकिन नहर में पानी आने की वजह से कार्य बीच मे ही छोड़ना पड़ा।
किसानों व राहगीरों की मांग की है जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए, ताकि इसके बाद नहर की बंदी भी न रखनी पड़े और नहर आने के बाद तंग पुल की वजह से ओवरफ्लो भी न हो।