राजनीति से दूर भक्ति में लीन रहतीं थी सुशीला देवी

प्रो. गणेशी लाल के आंदोलन और संघर्ष की साक्षी रहीं सुशीला देवी का निधन चित्र 19 जागरण सं

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 06:45 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 06:45 AM (IST)
राजनीति से दूर भक्ति में लीन रहतीं थी सुशीला देवी
राजनीति से दूर भक्ति में लीन रहतीं थी सुशीला देवी

प्रो. गणेशी लाल के आंदोलन और संघर्ष की साक्षी रहीं सुशीला देवी का निधन

चित्र : 19

जागरण संवाददाता, सिरसा : भाजपा के प्रखर वक्ताओं में से एक ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल की धर्मपत्नी सुशीला देवी का रविवार रात को निधन हो गया। 72 वर्षीय सुशीला देवी पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थी। कोरोना को हरा दिया था, लेकिन बुखार होने के कारण दो दिनों से आइसीयू में थीं। मृदुभाषी, धर्मपरायण, मिलनसार स्वभाव की धनी सुशीला देवी अपने नाम को आत्मसात करतीं थी। स्वयं प्रो. गणेशी लाल अक्सर अपनी पत्नी के स्वभाव व व्यवहार की सराहना करते थे। प्रो. गणेशी लाल कहते हैं कि शीला ने बहुत संघर्ष किया और उनकी सफलता में उनका अहम योगदान है। बेशक वे राजनीति से दूर रहतीं थी और सदा घर के कामकाज और भागवत भक्ति में लीन रहती थी, लेकिन सदैव अपने पति के आंदोलन और संघर्ष की साक्षी बनीं।

प्रो. गणेशी लाल कहते रहे हैं कि विभिन्न आंदोलनों के दौरान जब वे जेल में रहे तो उनकी अनुपस्थिति में उनकी पत्‍‌नी ने परिवार को संभाला। जब भी उनके आंदोलनकारी साथी घर आ जाते तो हर समय उनकी सेवाभाव के लिए तैयार रहती। सभी के लिए खाना, नाश्ता बनाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा, उन्होंने अर्धांगिनी का फर्ज बहुत अच्छी तरह से निभाया। ओडिशा के राज्यपाल बनने के बाद से वे ओडिशा राजभवन में ही रह रहीं थी। वहां भी उन्होंने अपने व्यवहार से सबको अपना कायल बना लिया। ओडिशा में भी सिरसा से जाने वालों का बड़े आत्मीय भाव से स्वागत करतीं थी। वार्ड पार्षद सुमन शर्मा ने बताया कि जब वे उनसे मिलने भुवनेश्वर गईं थी तो वहां भी एक बेटी की तरह उन्होंने उसे प्यार दिया और विदा किया। उनके साथ बिताए पल सदैव याद रहेंगे।

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श्याम बाबा में थी आस्था, राज्यपाल बनने के बाद सीधा शीश नवाने मंदिर पहुंचे

सुशीला देवी सहित पूरे परिवार की श्याम बाबा में गहरी आस्था रही है। परिवारशहर के प्राचीन श्याम मंदिर में होने वाले महोत्सव में हर बार परिवार शामिल होता है। प्रो. गणेशीलाल श्याम महोत्सव के मुख्य संरक्षक रहे हैं। ओडिशा में राज्यपाल बनने के बाद प्रो. गणेशी लाल व उनकी धर्मपत्नी एयर पोर्ट से सीधा श्याम मंदिर में पहुंचे थे। मंदिर के संरक्षक डा. चांद रतन शर्मा बताते हैं कि हर बार वे श्याम महोत्सव में भाग लेने पहुंचती थी। गणेश पूजन प्रो. गणेशी लाल का परिवार ही करवाता है। बीमार होने के कारण सुशीला देवी शोभायात्रा में शामिल नहीं हो पाती थी तो गाड़ी में सवार होकर दर्शन करने जरूर आतीं थी। वर्षों से उनके परिवार के साथ आत्मीय संबंध रहे हैं। इस बार कोविड के चलते उनका फोन आ गया था कि प्रोटोकॉल के चलते वे नहीं आ सकेंगे। उनके निधन से श्याम परिवार को अपूर्णीय क्षति हुई है।

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