प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है सुबाखेड़ा, गांव के प्राथमिक स्कूल की प्रदेश स्तर पर पहचान

गुरनैब सिंह बड़ागुढ़ा बड़ागुढ़ा क्षेत्र का गांव सुबाखेड़ा जिले में अपनी पहचान कायम कर र

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 05:47 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 05:47 AM (IST)
प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है सुबाखेड़ा, गांव के प्राथमिक स्कूल की प्रदेश स्तर पर पहचान
प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है सुबाखेड़ा, गांव के प्राथमिक स्कूल की प्रदेश स्तर पर पहचान

गुरनैब सिंह, बड़ागुढ़ा : बड़ागुढ़ा क्षेत्र का गांव सुबाखेड़ा जिले में अपनी पहचान कायम कर रहा है। करीब 300 घरों वाले इस गांव में सभी मूलभुत सुविधाएं है। गांव के युवा शिक्षा व खेलकूद में भी आगे आ रहे हैं। गांव का सरकारी स्कूल भी मिसाल पेश कर रहा है। यहां स्मार्ट कक्षाएं और स्कूल की अपनी एप भी बनी हुई है। जो निजी स्कूलों को पीछे छोड़ता है। गांव में कुछ मुलभूत सुविधाओं का विस्तार की भी मांग है। अगर वे पूरी हो जाती है तो ग्रामीणों को और सुविधाएं मिल पाएंगी।

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वर्षाें पहले सुबा सिंह सिधू ने बसाया था गांव

सुब्बाखेड़ा गांव को वर्षों पहले सरदार सुबा सिंह सिधू ने बसाया था। ढाणियों सहित गांव में करीब 300 घर है। दो मंदिर और एक गुरुद्वारा साहिब बना हुआ है। गांव में करीब 1000 मतदाता हैं। दो आंगनबाड़ी केंद्र बने हुए है। पशुओं के लिए तालाब बने हुए है। गांव में वाटर व‌र्क्स बना हुआ है लेकिन नहरों में लंबी बंदी के बाद पानी की किल्लत रहती है। पेयजल किल्लत दूर करने के लिए गांव में एक डिग्गी ओर बनाने की मांग है। गांव के इतिहास बारे में मिल्क प्लांट के पूर्व डायरेक्टर चरणपाल सिंह सुबाखेड़ा का कहना है कि वर्षों पहले सिधू गोत्र के सरदार सुबा सिंह सिधू ने गांव बसाया था। उनके परदादा स. बिचित्र सिंह गांव के पहले सरपंच और मार्केट कमेटी के चेयरमैन बनने का अवसर मिला था।

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सुबाखेड़ा से आसपास गांवों बड़ागुढ़ा, वीरुवाला गुढ़ा, भादड़ा, दौलतपुर खेड़ा और सुखचैन आदि में आने जाने के लिए पक्की सड़कों का जाल बिछा हुआ है। गांव में युवाओं की क्रिकेट और वालीबॉल की अच्छी टीमें है जो समय-समय पर प्रतियोगिता करवाते रहते हैं। गांव का करीब 1900 एकड़ रकबा है। अधिकांश लोगों द्वारा खेती-बाड़ी करने के साथ साथ अब युवा पीढ़ी द्वारा पशुपालन और दुकानें आदि सहायक धंधे अपनाने शुरू कर दिए है। गांव में राजकीय माध्यमिक विद्यालय बना हुआ है लेकिन उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़कियों को यहां से अन्य गांवों में जाना पड़ता है अत: गांव में बने स्कूल को अपग्रेड किया जाए। गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र बनाने जाने की भी आवश्यकता है।

निवर्तमान सरपंच धर्मपाल कालवा ने बताया कि उन्होंने गांव में विकास कार्यों को बिना भेदभाव के पहल के आधार पर करने का प्रयास किया है।

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गांव का प्राथमिक स्कूल है बेमिसाल

राजकीय प्राथमिक पाठशाला प्रभारी रमेश कांसल ने बताया कि उनका स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल दर्जे पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यकरण प्रतियोगिता में स्कूल जिला स्तर पर प्रथम स्थान रह चुका है। स्कूल में बच्चों को यातायात के नियमों की जानकारी देने के लिए विजय कांसल मेमोरियल ट्रैफिक ट्रेनिग पार्क का निर्माण किया हुआ है। पूरे क्षेत्र में ऐसा स्कूल है जिसने अपनी मोबाइल एप बना रखी है। एप के माध्यम से बच्चों की उपस्थिति, गृहकार्य, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों को अभिभावकों को सूचना भेजी जाती है। बच्चों के लिए 300 स्मार्ट स्लेट उपलब्ध करवाए गए हैं। स्कूल में लैंग्वेज लैब बनाई गई है इससे बच्चों की उच्चारण शैली सुधारी जा सकती है। स्कूल में बनाई गई लाइब्रेरी खंड स्तर पर प्रथम स्थान पर रही चुकी है। जिला स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तकालय का सम्मान भी मिल चुका है।

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