पराली जलाने से जहरीली हुई सिरसा की आबोहवा
हवाएं फसली अवशेष जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषक तत्वों को अपने साथ
जागरण संवाददाता, सिरसा : हवाएं फसली अवशेष जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषक तत्वों को अपने साथ ला रही है। रात में हवा के स्थिर होने और तापमान घटने की वजह से प्रदूषक तत्व जमा हो रहा है। इससे सिरसा का प्रदूषण स्तर खराब स्थिति में पहुंच गया है। पराली जलाने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 248 तक पहुंच गया है। जिला प्रशासन की सख्ती के कारण कुछ किसान रात को चुपके से खेतों में पराली को आग लगा रहे हैं। जिसके कारण आंखों में जलन होनी शुरू हो गई है। अगर यहीं स्थिति अगले एक दो रहती है। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स और बढ़ेगा। --- पांच दिन से बढ़ रहा है प्रदूषण
धान की पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। जिले में पांच दिन पहले एयर क्वालिटी इंडेक्स 167 तक था। जो संतोषजनक न होकर सामान्य स्थिति में था। एयर क्वालिटी इंडेक्स वीरवार को तेजी से बढ़ने लगा। शुक्रवार को सुबह तक एयर क्वालिटी तेजी से बढ़ा। दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स 248 तक पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स 0-50 के बीच बेहतर होता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक माना जाता है। जबकि 101 से 200 के बीच सामान्य की स्थिति में आता है। 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर होता है। ------पराली जलाने पर 85500 रुपये जुर्माना वसूला
जिले में धान की करीब 80 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बिजाई की हुई है। किसान धान की फसल निकालने में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाने पर रोक लगाई हुई है। सख्ती के बाद भी कुछ किसान पराली में आग लगा रहे हैं। जिले में आग लगाने की 86 घटना हुई है। जिसमें 35 जगह पराली जलाने पर 85500 रुपये जुर्माना किया गया है। ---
सिरसा जिले में पराली जलाए जाने से पर्यावरण का स्तर खराब स्थिति में पहुंच गया है। जिले में एयर क्वालिटी इंडेक्स 248 तक पहुंच गया है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ेगा।
हरिश कुमार, एसडीओ, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड