गुलाब की खेती से महक रही रामप्रताप की जिदगी
गांव केलनियां निवासी रामप्रताप 30 साल से तैयार कर रहा है गुलाब
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रविवार विशेष : गांव केलनियां निवासी रामप्रताप 30 साल से तैयार कर रहा है गुलाब के फूलों से गुलकंद व गुलाब जल महेंद्र सिंह मेहरा, सिरसा:
अपनी महक से मनमोह लेने वाले गुलाब के फूलों ने गांव केलनियां निवासी रामप्रताप की जिदगी बदल दी है। जिससे रामप्रताप अब कोई दूसरी फसल बिजाई न करके गुलाब की खेती कर रहा है। 30 साल से गुलाब की खेती कर फूलों से गुलकंद व गुलाब जल तैयार कर बेच रहा है। इससे अब रामप्रताप ने क्षेत्र में अलग से पहचान भी बना ली है। दूसरे प्रदेशों से भी लोग आकर उनके पास से गुलकंद व गुलाब खरीदकर ले जाते हैं। गुलकंद व गुलाब जल अपने स्तर पर बनाने के साथ पैकिग भी अपने स्तर पर करते हैं। - तब नहीं था किसी का रूझान
आठवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुके रामप्रताप ने बताया कि गरीबी से तंग आकर कुछ अलग करने की सोची। गुलाब की बागवानी के बारे में जानकारी जुटाई और थोड़ी सी जगह में गुलाब के पौधे लगाए। पहली बार में ही नतीजे चौंकाने वाले थे। उन्हें लागत से कई गुना ज्यादा फायदा हुआ। इसके बाद अपने हिस्से की पूरी ढाई एकड़ भूमि पर फूलों की बागवानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि कपास की खेती कभी बीमारियां आने से खराब हो जाती थी तो कभी सूखे की स्थिति में बर्बाद हो जाती थी, लेकिन गुलाब के पौधों में फूल तो हर मौसम में लगते हैं। - खुद ही तैयार करते हैं गुलकंद
खेत में गुलकंद व गुलाब जल बेचने के लिए दुकान बनाई हुई है। दुकान का नाम भी लिबा फूलों की घाटी रखा हुआ है। रामप्रताप ने बताया कि गुलाब के फूलों को तोड़ते हैं। इसके बाद फूलों से गुलकंद बनने का कार्य करते हैं। मिश्री का गुलकंद 200 रुपये प्रति किलो व चीनी का गुलकंद 120 रुपये बेचते हैं। यही नहीं गुलाब के फूलों से गुलाब जल तैयार करके भी बेचते हैं। इसी के साथ शादी के सीजन में फूलों से गाड़ी सजाने का भी काम करते हैं। इससे प्रतिमाह करीब एक लाख रुपये तक आमदनी हो जाती है।