जेल के बंदियों को ई संजीवनी से मिलेगी चिकित्सा सुविधा
जिला कारागार में बंद बंदियों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए अब नागि
जागरण संवाददाता, सिरसा : जिला कारागार में बंद बंदियों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए अब नागरिक अस्पताल लाने की आवश्यकता नहीं होगी। नागरिक अस्पताल के चिकित्सक ई संजीवनी एप से ऑनलाइन जुड़ेंगे और बंदी को वहीं से परामर्श दिया जाएगा और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके साथ ही संजीवनी एप के माध्यम से ओल्ड एज होम में रहने वाले वृद्धों, भाई कन्हैया आश्रम में आने वाले मंदबुद्धि लोगों का इलाज भी होगा। स्वास्थ्य विभाग की इस पहल से इन मरीजों को अस्पताल में आने की आवश्यकता नहीं होगी। --------------- जिले के 23 चिकित्सक जुड़े हैं एप से
संजीवनी एप को मोबाइल में डाउनलोड कर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवा ली जा सकती है। चिकित्सक ऑनलाइन परामर्श देंगे। इसके बाद संबंधित रोग के उपचार के लिए दवाई भी लिखकर देंगे जो किसी भी सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरी से फ्री में ली जा सकती है। सिरसा स्वास्थ्य विभाग के 23 चिकित्सक संजीवनी एप से जुड़ चुके हैं। ये चिकित्सक अपने डयूटी टाइम में ही रोस्टरवाइज ऑनलाइन रहकर मरीजों को परामर्श देते हैं। सिरसा में डा. एसपी सिंह, डा. जगतपाल, डा. पंकज, डा. कुलदीप साईं, डा. रोहित डूमरा, डा. काजल अग्रवाल, डा. सूर्यांशु सहित अन्य जुड़ चुके हैं। ये चिकित्सक हड्डी रोग, फिजिशियन, इएनटी, सर्जन व बच्चों की बीमारियों के विशेषज्ञ है।
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आशा वर्करों को भी दिया जा रहा है प्रशिक्षण
जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में भी ई संजीवनी सेवा शुरू करने के लिए विभाग आशा वर्करों को प्रशिक्षण दे रहा है। इसके तहत आशा वर्कर फील्ड में मरीज के मोबाइल से ऑनलाइन जुड़ेंगी और मरीज को चिकित्सीय परामर्श दिलवाएगी। विभाग के इस प्रयास से गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गाें को अस्पताल आने की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें घर बैठे ही चिकित्सीय परामर्श मिल सकेगा। ---------- अच्छा रिस्पांस मिल रहा है
संजीवनी एप को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इस एप के माध्यम से आप घर बैठे प्रदेश के किसी भी चिकित्सक से ऑनलाइन जुड़ सकते हैं और परामर्श ले सकते हैं। एप पर रोजाना 15-20 मरीज परामर्श ले रहे हैं। ऑनलाइन मरीज के स्वास्थ्य संबंधित परेशानी जान कर उसे दवाइयां लिख देते हैं साथ ही जो आवश्यक परामर्श दे देते हैं। सिरसा में इस एप से 23 चिकित्सक जुड़ चुके हैं, सभी रोस्टर वाइज मरीजों को ऑनलाइन सेवाएं देते हैं। - डा. पंकज कुमार, नोडल अधिकारी, संजीवनी एप