मन को संयमित रखने वाला सदा सुखी रहता है : डा. राजेंद्र मुनि

जैन संत डा. राजेन्द्र मुनि ने जीवन में अशांति का मूल कारण असंयम को ब

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:41 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:41 AM (IST)
मन को संयमित रखने वाला सदा सुखी रहता है : डा. राजेंद्र मुनि
मन को संयमित रखने वाला सदा सुखी रहता है : डा. राजेंद्र मुनि

संवाद सहयोगी, रानियां : जैन संत डा. राजेन्द्र मुनि ने जीवन में अशांति का मूल कारण असंयम को बतलाते हुए संयम के तीन प्रकार बताए जो मन संयम वचन संयम, काया संयम, के नाम से जाने जाते है। जैन संत जैन सभा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मन को संयमित रखने वाला सदा सुखी रहता है। जैसा खए अन्न वैसा होवे मन, जैसा पीए पानी वैसी बोले वाणी, अब पानी का मन पर असर होता है। हमारा आहार राजसी, तामसी, न होकर सात्विक, शुद्ध शाकाहारी होना चाहिए। गीता में श्री कृष्ण ने मन को वश में रखने के लिए दो उपाय बताए जिसमें एक अभ्यास व दूसरा वैराग्य कहा है। सतत अभ्यास व वैराग्य भावों से मन को वश में रखा जाता है। जिसने मन को जीत लिया उसने संसार को जीत लिया है। सभा में साहित्य दिवाकर सुरेंद्र मुनि ने कहा कि वाणी में अमृत, वाणी में जहर का निवास होता है। आज वाणी के दुरुपयोग के कारण ही देश समाज व राष्ट्र का पतन हो रहा है। इंद्रियों के गुलाम न बनकर हमें स्वामी बनना है। इस मौके पर व्यापार मंडल के युवा प्रधान सोनू ग्रोवर, मा. चंपा लाल जैन, विनोद जैन, सोमप्रकाश जैन, रविन्द्र जैन, सूरज जैन, नरेश जैन, मोहन लाल जैन, सुरेन्द्र जैन, दर्शन लाल जैन, इन्द्र लाल फुटेला, राजकुमार जैन, जगरूप लाल जैन,सुरेन्द्र मोहन जैन, मुकेश जैन, मुलख राज पटवारी, दीनानाथ मेहता, कालू राम मेहता, सोनू ग्रोवर उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी