बालिकाओं को पढ़ाने के लिए पांच साल बाद भी नहीं नियमित स्टाफ

जागरण संवाददाता सिरसा बेटियों को शिक्षा देने के लिए बालिका विद्यालय खोले हुए तो पांच साल बी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 06:20 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:20 AM (IST)
बालिकाओं को पढ़ाने के लिए पांच साल बाद भी नहीं नियमित स्टाफ
बालिकाओं को पढ़ाने के लिए पांच साल बाद भी नहीं नियमित स्टाफ

जागरण संवाददाता, सिरसा :

बेटियों को शिक्षा देने के लिए बालिका विद्यालय खोले हुए तो पांच साल बीत गए मगर विद्यालय में अभी तक स्थाई स्टाफ की नियुक्ति भी नहीं की गई है। विद्यालय में अनुबंध आधार पर स्टाफ नियुक्त किया जाता रहा है। ऐसे में बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ अभियान नारों तक ही सिमटता नजर आ रहा है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने वर्ष 2012 में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खोले थे। विद्यालय में श्रमिक व अन्य कार्य करने वाले जरूरतमंद परिवारों को शिक्षा देने के लिए पहल की गई। जिससे बेटी अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़कर उच्च शिक्षा हासिल करती रहे। इसके लिए विद्यालयों में छात्रावास की भी सुविधा दी गई है।

-शिक्षा में पिछड़े खंडों में खोले गए स्कूल

बालिकाओं की शिक्षा में सुधार लाने के लिए शिक्षा में पिछड़े खंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खोले गए हैं। विद्यालय में छठी से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करवाई जाती है। स्कूलों में 100 सीटें हैं। स्कूलों में तीन अध्यापकों के पद स्वीकृत किए गए हैं जिनमें गणित, साइंस व हिदी विषय शामिल है। इसको समग्र शिक्षा अभियान के तहत अनुबंध आधार पर ही भरा जा रहा है। अभी तक स्कूलों में किसी भी अध्यापक की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है।

- विद्यालय मुखिया भी स्थाई नहीं

विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद भी स्थाई नहीं है। प्रधानाचार्य रिटायर्ड प्रधानाचार्य को तैनात किया जाता रहा है। विद्यालय में रिटायर्ड प्रधानाचार्य भी ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

-किस खंड में कहां खोले गये हैं विद्यालय

खंड स्कूल

ऐलनाबाद धोलपालिया

चौपटा रामपुरा ढिल्लो

रानियां केहरवाला

ओढ़ां चट्ठा

डबवाली रत्ताखेड़ा

बड़ागुढ़ा फतेहापुरिया नियामत खां कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अनुबंध आधार पर स्टाफ रखे हुए हैं। स्कूलों में अभी तक रेगुलर अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

शशि सचदेवा, सहायक परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान

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