गांव में नहीं कोरोना संक्रमण से भयभीत

सिरसा जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। शहर के साथ गांवों में भी त

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:51 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:51 AM (IST)
गांव में नहीं कोरोना संक्रमण से भयभीत
गांव में नहीं कोरोना संक्रमण से भयभीत

जागरण संवाददाता, सिरसा: जिले में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। शहर के साथ गांवों में भी तेजी से केस आने लगे हैं। इसी के साथ मौत भी हो रही है। इसके बाद भी गांवों के ग्रामीण भयभीत नजर नहीं आ रहे हैं। गांवों में सभी प्रकार की दुकान खुली रही है। गांव में यहां तक नाई व जूस की रेहड़ियां भी लग रही है। लोगों के चेहरे पर न मास्क नजर आते है और न ही शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। दैनिक जागरण संवाददाता ने गांव में जाकर यह स्थिति देखी।

------

जूस की रेहड़ी पर लोगों का दिखा जमावड़ा

गांव नेजिया खेड़ा, समय सुबह 9:30 बजे गांव के बस स्टैंड पर जूस की रेहड़ी लगी हुई थी। जूस बेचने वाले ने मास्क नहीं लगा रखा था। इसी के साथ रेहड़ी के पास जूस पीने वाले भी बिना मास्क के नजर आए। जो जूस पीकर आपस में बातचीत करने लगे। इसी के साथ गांवों में गलियों में लोग घरों के बाहर बैठे हुए थे। जिनमें कई लोगों ने मुंह ढके हुए थे। वहीं दूसरे कई लोग आपस में बिना किसी मास्क के व न शारीरिक दूरी का ध्यान रखकर आपस में बातचीत कर रहे थे।

-----

नाई की दुकान भी खुली थी

गांव शाहपुर बेगू, समय सुबह 10 बजे गांव के मुख्य चौक में सभी दुकान खुली हुई थी। चौक में आटा चक्की पर संचालक बैठा हुआ था। जिसने मास्क नहीं लगाया हुआ था। उसके पास कुछ देर बाद तीन बच्चे पहुंचे। वह बच्चों से बातचीत करने लगा। आटा चक्की के सामने नाई की दुकान खुली थी। जिसमें नाई एक व्यक्ति की कटिग कर रहा था। उसने भी मास्क नहीं लगाया हुआ। गांव के मैन से चौक से लोग आ जा रहे थे। जिन पर कोरोना संक्रमण का कोई भय नजर नहीं आ रहा था। इसी के साथ एक जगह पर लोग आपस में बैठ बातचीत कर रहे थे।

-------

दुकानदार भी दिखे लापरवाही करते

गांव कंगनपुर, समय सुबह 10:30 बजे गांव में दुकानें खुली हुई थी। दुकानदार बिना मास्क के ही सामान बेचते हुए नजर आए। इसी के साथ गांव की गलियों में लोग आ जा रहे थे। इसी दौरान एक युवक सब्जी की रेहड़ी लेकर पहुंचा। उसने मुंह पर मास्क सही नहीं लगाया हुआ था। सिरसा रोड पर एक जगह टावर लगाने का विरोध करने को लेकर एकत्रित थे। उनमें लोगों ने अपने मुंह तो ढके हुए थे। मगर शारीरिक दूरी का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा था।

chat bot
आपका साथी