लापरवाही जीवन पर पड़ सकती है भारी

जैसे छोटे शहर में घरों व दुकानों पर नौकर रखने वालों के संबंध में लोग पुलिस वेरिफिकेशन करवाना आवश्यक नहीं समझते। हालांकि परिचितों के माध्यम से ही नौकर रखते है परंतु कई बार जब नौकर चोरी या लूट जैसी आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते है तो बाद में पछताना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती है। इन दिनों में शहर में दिल्ली में संचालित एजेंसियों के माध्यम से नौकर रखे जाते है जिनकी जिम्मेवारी एजेंसी लेती है। एजेंसी भी कई मामलों में कारगर नहीं रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:54 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 06:16 AM (IST)
लापरवाही जीवन पर पड़ सकती है भारी
लापरवाही जीवन पर पड़ सकती है भारी

जागरण संवाददाता, सिरसा : दुकान या घर पर नौकर रखते समय जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। कई मामलों में देखा गया है नौकर अपराध कर फरार हो जाते है, अभी हाल ही में 9 दिसंबर को भादरा बाजार की गली जैन स्कूल वाली में सोने के आभूषण तैयार करने वाले बंगाली कारीगरों की दुकान से दो कारीगर 90 ग्राम सोना व 30 हजार रुपये लेकर चंपत हो गए। इस मामले में पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि दुकानदार ने कारीगरों को रखने से पहले उनका पुलिस वेरिफिकेशन ही नहीं करवाया था। शहर में लोग जरूरी नहीं समझते पुलिस वेरिफिकेशन करवाना सिरसा जैसे छोटे शहर में घरों व दुकानों पर नौकर रखने वालों के संबंध में लोग पुलिस वेरिफिकेशन करवाना आवश्यक नहीं समझते। हालांकि परिचितों के माध्यम से ही नौकर रखते है परंतु कई बार जब नौकर चोरी या लूट जैसी आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर फरार हो जाते है तो बाद में पछताना पड़ता है। ऐसी स्थिति में पुलिस भी कुछ नहीं कर पाती है। इन दिनों में शहर में दिल्ली में संचालित एजेंसियों के माध्यम से नौकर रखे जाते है, जिनकी जिम्मेवारी एजेंसी लेती है। एजेंसी भी कई मामलों में कारगर नहीं रही है। वेरिफिकेशन के दौरान पुलिस लेती है पूरी जानकारी

जो लोग अपनी दुकानों व घरों में रखे जाने वाले नौकरों के संबंध में पुलिस वेरिफिकेशन करवाते है। पुलिस उनके आवेदन पर नौकर के संबंध में पूरी पूछताछ करती है। नौकर के पहचानपत्र के आधार पर उसके रिहायशी पते के बारे में जानकारी ली जाती है। संबंधित थाना से उसके चरित्र के बारे में पूछताछ की जाती है। पुलिस रिकार्ड इकट्ठा करती है कि कहीं नौकर ने कोई आपराधिक वारदात को अंजाम तो नहीं दिया। पूरी जानकारी जुटाने के बाद ही पुलिस नौकर रखने के संबंध में क्लीन चिट जारी करती है। इसका लाभ यह भी रहता है कि नौकर अपराध करने से भी डरता है। :::::नौकर बनकर कुछ लोग चोरी, लूटपाट जैसे घटना को अंजाम दे सकते है। इसलिए घरों व दुकानों में नौकर रखने से पहले उसके बारे में पुलिस वेरिफिकेशन बहुत जरूरी है। शहरवासी नौकर रखने से पहले पुलिस थाना में सूचना अवश्य दें, ताकि नौकर के पते ठिकाने व चरित्र के बारे में पता किया जा सके। - मनदीप सिंह, शहर थाना प्रभारी।

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