लावारिसों के मोक्ष का नीलकंठ

आनंद भार्गव सिरसा शहर में स्थित शिवपुरी में जिलेभर में मिलने वाले लावारिस शवों का अंतिम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 05:50 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 05:50 AM (IST)
लावारिसों के मोक्ष का नीलकंठ
लावारिसों के मोक्ष का नीलकंठ

आनंद भार्गव, सिरसा : शहर में स्थित शिवपुरी में जिलेभर में मिलने वाले लावारिस शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। अंतिम संस्कार के बाद लावारिस अस्थियों को पिछले 10 सालों से हरिद्वार ले जाकर विधिविधान पूजन के बाद गंगा में प्रवाहित करवाया जा रहा है। इसके अलावा जो गरीब लोग अपनों की अस्थियां विसर्जन करने में असमर्थ होते हैं, ऐसी अस्थियों को भी गंगाजी तक पहुंचाया जाता है ताकि उनकी मुक्ति हो सके। सिरसा का श्री नील कंठ समाजसेवा ट्रस्ट इस पुनित कार्य में लगा हुआ है। ट्रस्ट सिरसा ही नहीं बल्कि फतेहाबाद में मिलने वाले लावारिस शवों की अस्थियों को लेकर जाता है। लावारिस अस्थियों के विसर्जन के संबंध में पूरा रिकार्ड हरिद्वार में पंडों के पास लिखवाया जाता है। ट्रस्ट का प्रयास है कि आने वाले समय में इस पुनित कार्य के तहत सिरसा से लेकर हरिद्वार रूट पर आने वाले सभी जिलों से लावारिस शवों की अस्थियों का विधि विधान से विसर्जन करवाएं। ------------ ट्रस्ट के सचिव सुरेंद्र ग्रोवर ने बताया कि पहले सिरसा में मिलने वाले लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी अस्थियों को एक और इकट्ठा कर दिया जाता था, बाद में ज्यादा होने पर उन्हें सिरसा में ही घग्घर में प्रवाहित कर दिया जाता था। शिवपुरी में आने वाले नियमित श्रद्धालुओं दिवंगत गुलशन मुंजाल, सचिव सुरेंद्र ग्रोवर, शुभकर्ण रातुसरिया, अशोक सलुजा, निर्मल कांडा ने मिलकर निर्णय लिया कि इस तरह अस्थियों का अनादर होता है साथ ही मरने वाले को सदगति भी नहीं मिलती। सभी ने निर्णय लिया कि शिवपुरी में आने वाले लावारिस शवों की अस्थियों का हरिद्वार में विसर्जन किया जाए। निर्णय लिया गया कि तीन महीने के बाद लावारिस अस्थियों को हरिद्वार लेकर जाएंगे। ट्रस्ट पदाधिकारियों ने इस मुहिम में फतेहाबाद के लावारिसों की अस्थियों को भी शामिल किया गया। सुरेंद्र ग्रोवर ने बताया कि हर तिमाही पर सिरसा से करीब 30 से 40 लोगों की तथा फतेहाबाद से करीब 15 लावारिस लोगों की अस्थियों को हरिद्वार लेकर जाते हैं। वहां पंडों से पूजा करवाकर विधिविधान से अस्थियां प्रवाहित करवाते हैं। अस्थियों के संबंध में रिकार्ड भी दर्ज करवाया जाता है। ------------- लंबे समय तक शिवपुरी में पड़ी रहने वाली अस्थियों को भी लेकर जाते हैं

ट्रस्ट प्रधान अशोक सलुजा ने बताया कि कई बार शिवपुरी में ऐसी अस्थियां भी रह जाती है जिनको लेने के लिए स्वजन दो साल तक भी नहीं आते। इसके बाद शिवपुरी प्रबंधन इन अस्थियों के बारे में सूचना सार्वजनिक कर उन्हें हरिद्वार भेज देता है। इसके साथ ही जो असमर्थ होते है, उनके स्वजनों की अस्थियों को भी हरिद्वार पहुंचाते हैं। इस नेक कार्य से शुभकर्ण रातुसरिया, वीना मुंजाल, राजेश फुटेला, जनकराज डाबड़ा, हरीश साहुवाला, काली बाबा, रवि सेठी, सुरेंद्र बब्बर, संजू सलुजा, राजेंद्र चावला, लक्की मेहता, वेद प्रकाश कामरा, विशंभर खुंगर, जगदीश साहुवाला, इंद्र चिडावावाला, विजय गर्ग, अतुल गोयल व अन्य भी सहयोग करते हैं। इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा शिवपुरी में शिवरात्रि पर लंगर भंडारे का आयोजन करता है। साथ ही नीलकंठ महादेव में 31 दिसंबर को तीन दिन भंडारा लगाता है तथा वहां के स्कूली बच्चों को ड्रेस, स्वैटर, जूते, स्टेशनरी इत्यादि देकर आते हैं।

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