मोरनी को रास आया लॉकडाउन

भादव का महीना पक्षी प्रेमियों के सुखद खबर लेकर आया है। भगवान श्

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 05:47 AM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 06:18 AM (IST)
मोरनी को रास आया लॉकडाउन
मोरनी को रास आया लॉकडाउन

महेंद्र सिंह मेहरा, सिरसा : भादव का महीना पक्षी प्रेमियों के सुखद खबर लेकर आया है। भगवान श्री कृष्ण के अति प्रिय माने जाने वाले मोर का प्रजनन बढ़ रहा है। राजस्थान सीमा के साथ लगते गांव गुडियाखेड़ा व धोलपालिया को मोरों ने अपना आश्रय स्थल बनाया है। लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद है। यह शांत माहौल मोरों को खूब रास आ रहा है। मोरों के जोड़े यहां देखे जा रहे हैं। इस शांत वातावरण में मोरनी ने यहां पर अंडे देने शुरू कर दिए हैं। जीव जंतू एवं वन्य प्राणी विभाग इन पर पैनी नजर लगाए हुए हैं। विभाग ने यहां पर देखरेख के लिए ड्यूटी लगाई गई है ताकि मोरनी के अंडों को कोई क्षति न पहुंचा दें। - मोरों की संख्या बढ़ने में लगा विभाग

अब वह दिन दूर नहीं जब जिले में भी बरसात होने पर रंग-बिरंगे पंखों वाली मोरनियां नाचती नजर आएंगी। साथ ही उनकी संख्या में भी वृद्धि भी होगी। जिले में अभी करीब 100 मोर है। जीव जंतू एवं वन्य प्राणी विभाग द्वारा संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। जिले में वर्ष 2000 में मोरों की संख्या करीब 500 थी। अब लॉकडाउन में प्रजनन होने से संख्या बढ़ेगी। विभाग द्वारा आगे भी संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।

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अधिकारी कर रहे हैं निरीक्षण

एक बार में मोरनी 5 से 7 अंडे देती है। अंडा सेने और बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी अकेले मोरनी की ही होती है। अंडे से चूजे निकलने में 25 से 30 दिन लगते है। गांव गुडियाखेड़ा व धोलपलिया में मोरनी ने अंडे दिए हैं। विभाग के अधिकारी समय-समय पर गांव में जाकर निरीक्षण कर रहे है। इसके साथ जहां पर मोर है, विभाग द्वारा उनकी देखरेख की जा रही है। जिससे मोरों की संख्या बढ़ाई जा सके। --- बहुत अच्छा लगा

गांव मंगाला निवासी पक्षी प्रेमी तरसेम सिंह गांव गुडियाखेड़ा में पहुंचा। विभाग के अधिकारियों के साथ परवरिश कर रही मोरनी को देखा। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगा रहा है। राष्ट्रीय पक्षी मोर की हमें रक्षा करनी चाहिए। ----

लॉकडाउन में मोरनी को शांत वातावरण पसंद आ रहा है। गांव गुडियां खेड़ा के सरकारी स्कूल में मोरनी ने अंडे़ दिए हैं। इसके साथ गांव धोलपलिया में मोरों की संख्या बढ़ी है। विभाग द्वारा यहां पर देखभाल की जा रही है। जिले में मोरों की संख्या बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

- लीलूराम, निरीक्षक, जीव जंतू एवं वन्य प्राणी विभाग, सिरसा।

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