पर्यूषण पर्व पर स्लाटर हाउस बंद करवाने के लिए सौंपा ज्ञापन

जैन समाज के प्रधान संदीप जैन की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में जै

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 10:29 PM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 10:29 PM (IST)
पर्यूषण पर्व पर स्लाटर हाउस बंद करवाने के लिए सौंपा ज्ञापन
पर्यूषण पर्व पर स्लाटर हाउस बंद करवाने के लिए सौंपा ज्ञापन

संवाद सहयोगी, कालांवाली : जैन समाज के प्रधान संदीप जैन की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में जैन समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा अनुसार पर्यूषण पर्व पर चार सितंबर से 11 सितंबर तक के लिए बूचड़खाने तथा स्लाटर हाउस बंद करवाने के के लिए चर्चा की। तत्पश्चात जैन समाज के लोगों ने कालांवाली के एसडीएम उदय सिंह को ज्ञापन सौंपा।

जैनसभा के पूर्व संरक्षक मंगत राय जैन व प्रधान संदीप जैन ने बताया कि जैन धर्म में अहिसा एवं आत्मा की शुद्धि को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। प्रत्येक समय हमारे द्वारा किये गये अच्छे या बुरे कार्यों से कर्म बंध होता है। जिनका फल हमें अवश्य भोगना पड़ता है। शुभ कर्म जीवन व आत्मा को उच्च स्थान तक ले जाता है, वहीं अशुभ कमों से हमारी आत्मा मलिन होती जाती है। पर्यूषण पर्व के दौरान विभिन्न धार्मिक क्रियाओं से आत्मशुद्धि की जाती व मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करने का प्रयास किया जाता है ताकि जनम - मरण के चक्र से मुक्ति पाई जा सके। जब तक अशुभ कर्मों का बंधन नहीं छुटेगा, तब तक आत्मा के सच्चे स्वरूप को हम नहीं पा सकते हैं और उन्हें कहा के अनुष्ठानों के माध्यम से आत्मा की शुद्धि का पर्व माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य आत्मा के विकारों को दूर करने का होता है। जैन समाज मुख्य रूप से दो पथों में विभाजित है दिगंबर एवं श्वेतांबर पंथ। दिगंबर जैन समाज पर्यूषण पर्व को आठ दिनों तक मनाता है। इसलिए इस पर्व को दशलक्षण पर्व भी कहते हैं। वहीं श्वेतांबर संप्रदाय द्वारा यह पर्व आठ दिनों तक मनाया जाता है। जैन धर्मावलंबियों द्वारा प्रति वर्ष भाद्रपद मास में इस महान पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर मंगत राय जैन, संदीप जैन, नेमचंद जैन व राजेंद्र जैन मौजूद रहे।

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