खून बिन जाने न देंगे जिदगी, रक्तदान की राह दिखा रही है धर्मनगरी

सिरसा जिला रक्तदान के क्षेत्र में अनूठी पहचान रखता है। हर वर्ष कर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:59 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:59 AM (IST)
खून बिन जाने न देंगे जिदगी, रक्तदान की राह दिखा रही है धर्मनगरी
खून बिन जाने न देंगे जिदगी, रक्तदान की राह दिखा रही है धर्मनगरी

जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा जिला रक्तदान के क्षेत्र में अनूठी पहचान रखता है। हर वर्ष करीब 15 हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, जिसे समाजसेवी, धार्मिक संस्थाओं के अलावा जागरूक युवा पूरी करते हैं। बात अगर कोरोना काल की करें तो कोरोना की दूसरी लहर में अप्रैल व मई महीने में जिले में 23 कैंप आयोजित हुए, जिनमें 900 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया। कोरोना नियमों की पालना हो, इसके लिए रेडक्रास सोसायटी व शिव शक्ति ब्लड बैंक के द्वारा रोजाना सीमित संख्या में युवाओं को बुलाकर रक्तदान करवाया गया। थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए भी कैंप लगाए गए, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व थैलीसीमिया सोसायटी से जुड़े पदाधिकारियों ने अहम योगदान दिया। सिरसा जिले में चार ब्लड बैंक हैं, जिनमें से नागरिक अस्पताल सिरसा व नागरिक अस्पताल डबवाली दोनों सरकारी है जबकि शिव शक्ति ब्लड व डेरा सच्चा सौदा में स्थित ब्लड बैंक निजी है। नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक में 500 रक्तदाताओं की सूची है जो जरूरत पड़ने पर हर समय रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं। शिव शक्ति ब्लड बैंक भी क्षेत्र में रक्त की बड़ी आवश्यकता की पूर्ति करता है वहीं डेरा सच्चा सौदा का ब्लड बैंक आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। यहां वर्ष 2020 में 10858 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ तथा उससे 25063 यूनिट कंपोनेंट्स तैयार किए गए। नागरिक अस्पताल में कंपोनेंट सेप्टर मशीन आए करीब एक साल हो चुका है परंतु लाइसेंस न मिलने के कारण अभी तक मशीन शुरू नहीं हो पाई है। शिव शक्ति व डेरा ब्लड बैंक में कंपोनेंट मशीनें हैं, जिनमें आरबीसी, प्लाजमा, प्लेट्लेटस, कायरोप्रोटेटेंटस तत्व अलग अलग किए जाते हैं।

------

पहली लहर में लुधियाना तो दूसरी लहर में बठिडा जाकर डोनेट किया रेयर ब्लड

डबवाली निवासी बाइक मिस्त्री 40 वर्षीय हरीश सेठी का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है। वर्ष 2012 में पहली बार डबवाली में ब्लड डोनेट किया तो पता चला कि रेयर ब्लड ग्रुप है। सलाह मिली कि बिना इमरजेंसी ब्लड डोनेट नहीं करना। तब से अब तक 20 ऐसे मौके आए जब एमरजेंसी हुई। रोहिणी दिल्ली, डीएमसी लुधियाना, सिविल हॉस्पिटल बठिडा, सिरसा, फरीदकोट में रक्तदान किया। कोरोना के कारण वर्ष 2020 या फिर 2021 का लाकडाउन रहा। दोनों बार पंजाब में जाकर रक्तदान किया। पिछले वर्ष कोरोना की प्रथम लहर में लुधियाना, इस वर्ष दूसरी लहर में मैक्स हॉस्पीटल बठिडा में रक्तदान करके मरीज की जान बचाई। हरीश डबवाली में संस्था अपने से जुड़ा है तथा रक्त यूनिट का प्रभारी है।

-------

क‌र्फ्यू की सीमा लांघ एमरजेंसी में किया रक्तदान

जब लाकडाउन था, लोग घरों में कैद थे, उस समय भी यहां के लोगों ने दिल्ली और पंजाब तक जाकर लोगों को समय पर रक्त मुहैया कराया और उनकी जान बचाई। इनमें से एक हैं डबवाली के सकताखेड़ा गांव निवासी केवल सिंह जो पेशे से चालक हैं। वर्ष 2020 में लाकडाउन था तो यह युवक डबवाली से करीब 100 किलोमीटर दूर फरीदकोट स्थित मेडिकल कॉलेज में गया और वहां रक्तदान किया। 17 वर्षीय युवक के लिए एबी नेगेटिव रेयर ब्लड डोनेट किया। उस दौरान पंजाब में क‌र्फ्यू था। जगह जगह जांच हुई। पुलिसकर्मियों ने भी सेल्यूट किया।केवल सिंह अब तक छह बार रक्तदान तो दो बार प्लेटलेट्स डोनेट कर चुके हैं।

------

कमल ने आग में झुलसे युवक को दी नई जिदगी

जब कोरोना के कारण सारा मुल्क घरों में कैद था तो कुछ सिरफिरे थे जो अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों को जान बचाने निकले थे। इनमें से एक है डबवाली के गांव झूटीखेड़ा निवासी कमल कुमार। जो डबवाली के कालोनी रोड पर कंप्यूटर शॉप चलाते हैं। लाकडाउन में पंजाब के फरीदकोट मेडिकल कालेज में जाकर एबी नेगेटिव ब्लड डोनेट किया। आग में झुलसे युवक की जान बचाई। कमल के अनुसार अब तक वह नौ बार रक्तदान कर चुका है। जिसमें पांच बार उसने एमरजेंसी में ब्लड डोनेट किया है।

----------

बड़ागुढ़ा क्षेत्र के गांव लकड़ांवाली निवासी युवा बिदर सिंह समाज कल्याण सेवा समिति युवा क्लब लकड़ांवाली के प्रधान हैं। उनका ब्लड ग्रुप ए बी पाजिटिव है। अब तक 13 बार रक्तदान कर चुके हैं। लाकडाउन के दौरान 6 जनवरी 2021 को लकड़ांवाली डेरा में सालाना धार्मिक कार्यक्रम दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में और इसके बाद खैरेकां में युवा क्लब द्वारा आयोजित 23 मार्च 2021को शहीद-ए-आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस पर आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान किया गया।

---------

बड़ागुढ़ा ग्रवित खंड संयोजक हरमीत सिंह गिल अब तक कर चुके हैं 22 बार रक्तदान कर चुके हैं। ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है। उन्होंने बताया कि लाक डाउन दौरान 2020 में और जून 2021 में दो बार रक्तदान कर चुके हैं । उन्होंने बताया की जैसे ही रक्त की किसी को जरूरत होती है वह जरूरतमंद लोगों तक रक्त पहुंचाने में भी सोशल नेटवर्क पर नेतृत्व का कार्य अपने साथियों के सहयोग से कर रहे है ।

--------

उम्र 50 साल, अब तक कर चुके हैं 51 बार रक्तदान

सिरसा की रहमत कालोनी निवासी 50 वर्षीय उमेद इन्सां अब तक 51 बार रक्तदान कर चुके हैं। उनका कहना है कि पहली बार वर्ष 2001 में श्रीगुरुसर मोडिया में रक्तदान किया। रक्तदान की प्रेरणा डेरा सच्चा सौदा से मिली। जब भी किसी जरूरतमंद को रक्त की जरूरत होती है तो वे हाजिर रहते हैं।

----------

सुरेश फौजी भी रक्तदान में लगा चुके हैं अर्ध शतक

बेगू रोड की कल्याण नगर कालोनी में रहने वाले सुरेश फौजी अब तक 50 बार रक्तदान कर चुके हैं। 52 वर्षीय सुरेश फौजी का कहना है कि उसने सबसे पहले आर्मी कैंप में वर्ष 1998 में रक्तदान किया। वह कहते हैं कि अगर हमारे खून से किसी की जिदगी बच जाए और परिवार बिखरने से बच जाए तो इससे बड़ी बात और क्या होगी।

-----

75 बार रक्तदान कर चुके हैं संजय मेहता

अनाज मंडी में स्थित ए ब्लाक निवासी 53 वर्षीय संजय मेहता एडवोकेट अब तक 75 बार रक्तदान कर चुके हैं। कोरोना काल के दौरान चार बार रक्तदान किया। अंतिम बार मई के अंतिम सप्ताह में शिव शक्ति ब्लड बैंक में रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष की आयु में ही रक्तदान करना शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र में रक्तदान के महत्व के बारे में पढ़कर रक्तदान के लिए प्रेरणा मिली। कोरोना काल के दौरान भी जरूरतमंदों के लिए रक्तदान कर खुद को गौरवान्वित महसूस किया।

chat bot
आपका साथी