मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जांच नहीं करवाना सबसे बड़ा कारण : डा. सिहाग

कृषि विज्ञान केंद्र के सेमिनार हाल में केंद्र व कृषि विभाग की ओर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 05:48 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 05:48 PM (IST)
मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जांच नहीं करवाना सबसे बड़ा कारण : डा. सिहाग
मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी जांच नहीं करवाना सबसे बड़ा कारण : डा. सिहाग

जागरण संवाददाता, सिरसा : कृषि विज्ञान केंद्र के सेमिनार हाल में केंद्र व कृषि विभाग की ओर से रविवार को जिला स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें किसानों को मिट्टी जांच करवाने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि जेडीए कपास डा. रामप्रताप सिहाग व केंद्र के सीनियर कोर्डिनेटर देवेंद्र जाखड़ ने किया। मुख्यातिथि डा. रामप्रताप सिहाग ने कहा कि खेती में दिनों दिन घाटे का कारण किसानों द्वारा मिट्टी व पानी की जांच के बिना खेती करना है। जिस प्रकार मनुष्य एवं जानवरों को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार फसलों के लिए भी संतुलित आहार (पोषक तत्वों) की आवश्यकता होती है। अत्यधिक एवं असंतुलित उर्वरकों तथा कृषि रसायनों के प्रयोग से खेत की मिट्टी मृत हो रही है या दिनों दिन उत्पादन क्षमता घट रही है। इसके लिए किसान मिट्टी की जांच जरूरी करवाए गये। उन्होंने किसानों को पराली न जलाकर भूमि में मिलाने के लिए भी प्रेरित किया।

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मिट्टी की उपजाऊ शक्ति पर ध्यान दें : जाखड़

केंद्र के सीनियर कोर्डिनेटर डा. देवेंद्र जाखड़ ने कहा कि जिले में भूमि के अंदर पोषक तत्वों की कमी दूर नहीं हो पा रही है। जिसका कारण किसानों द्वारा मिट्टी की उपजाऊ शक्ति पर ध्यान नहीं देना है। भूमि के अंदर पोटाश, फासफोरस, जिक, नाइट्रोजन व अन्य तत्वों की कमी है। किसान भूमि में बिना मिट्टी जांच करवाए ही रासायनिक खादों का प्रयोग करते हैं। पौधों के समुचित विकास के लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ये पोषक तत्व कम या अधिक मात्रा में पौधों के जीवन चक्र पूरा करने के लिए आवश्यक होते हैं। इनकी कमी किसी अन्य तत्व की अधिक मात्रा देने से पूरी नहीं की जा सकती है। ये तत्व या तो मृदा में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं या इनको मृदा जांच के आधार पर रासायनिक खादों के द्वारा दिया जाता है।

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किसानों को मिट्टी के सैंपल लेने की दी जानकारी

कार्यक्रम में डा. महावीर सिंह ने किसानों को मिट्टी के सैंपल लेने के बारे में जानकारी दी। इसी के साथ किसानों को समय पर जांच करवाने के लिए प्रेरित किया। डा. सतवीर सिंह ने किसानों को विभाग द्वारा चलाई जा रही स्कीमों की जानकारी दी। डा. जगदीश राणा ने कहा कि किसान पराली को आग न लगाए। इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर होती है। जबकि इसको भूमि में मिलाकर उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं।

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