गुरु रामदास के प्रकाश पर्व पर कीर्तन समागम आयोजित

गुरुपर्व शब्द दो शब्दों गुरु-पूरब से बना है इसलिए गुरुपर्व शब्द का शाब्दिक अर्थ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 05:53 PM (IST)
गुरु रामदास के प्रकाश पर्व पर कीर्तन समागम आयोजित
गुरु रामदास के प्रकाश पर्व पर कीर्तन समागम आयोजित

सिरसा (विज्ञप्ति) : गुरुपर्व शब्द दो शब्दों गुरु-पूरब से बना है, इसलिए गुरुपर्व शब्द का शाब्दिक अर्थ गुरु से जुड़ा दिन है। श्री गुरु रामदास जी सिख धर्म के चौथे गुरु थे, जिन्हें तीसरे गुरु श्री गुरु अमरदास ने गुरुगद्दी सौंपी थी। वे अमृतसर शहर के संस्थापक थे जिसे पहले रामदासपुर कहा जाता था और श्री हरमंदिर साहिब में प्रसिद्ध सरोवर सहित विभिन्न सरोवरों के निर्माण की कार सेवा की। इस सरोवर से शहर का नाम पड़ा है और अमृतसर शब्द का शाब्दिक अर्थ अमृत का सरोवर है। ये शब्द गुरुद्वारा खैरपुर साहिब के मुख्यग्रंथी बलदेव सिंह ने श्री गुरु रामदास जी प्रकाश पर्व पर आयोजित कीर्तन समागम में कहे। कीर्तन समागम में बलदेव सिंह ने कहा कि गुरु रामदास का जन्म वर्ष 1534 में लाहौर में पिता हरदास और माता दया के यहां हुआ था। उनके बचपन का नाम जेठा था और इसलिए उन्हें भाई जेठा जी के नाम से जाना जाता था। उन्होंने कहा कि 16वीं शताब्दी में सिखों के चौथे गुरु रामदास ने एक तालाब के किनारे डेरा डाला जिसके पानी में अद्भुत शक्ति थी। गुरु राम दास ने लंगर के काम को अधिक विस्तृत और व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाया। बलदेव सिंह ने कहा कि जैसा कि पूर्व में लंगर में पंगत शब्द का कड़ाई से पालन किया जाता था। गुरुपर्व श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर), अमृतसर में बहुत उत्साह और धार्मिक आयोजनों के साथ मनाया जाता है। दुनिया भर से सिख संगत गुरुपूरब समारोह में सम्मान और भक्ति के साथ भाग लेने के लिए अमृतसर आते हैं। श्री हरमंदिर साहिब में स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाते श्रद्धालु श्री गुरु रामदास के गुरुपर्व पर प्रार्थना करते हैं। इस अवसर पर सेवादार सूबेदार गुरदेव सिंह, स. जितेन्द्रपाल सिंह, स. अमरपाल सिंह सोढ़ी, स. सुरेन्द्र सिंह, स. गुरमीत सिंह बराड़, डा. गुरचरण सिंह, स. लक्षमण सिंह उपस्थित थे।

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