गण के तंत्र : आमजन को संक्रमण से बचाने के लिए जसपाल बने ढाल, निश्शुल्क बांटे मास्क

महामारी से बचने के लिए हर किसी को मास्क की जरूरत थी। महज 3-4 रुपये

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 06:05 AM (IST)
गण के तंत्र : आमजन को संक्रमण से बचाने के लिए जसपाल बने ढाल, निश्शुल्क बांटे मास्क
गण के तंत्र : आमजन को संक्रमण से बचाने के लिए जसपाल बने ढाल, निश्शुल्क बांटे मास्क

डीडी गोयल, डबवाली : महामारी से बचने के लिए हर किसी को मास्क की जरूरत थी। महज 3-4 रुपये का मास्क 40, 50 रुपये में ब्लैक होना शुरू हुआ। इस दौरान 61 वर्षीय जसपाल सिंह ने आमजन की मदद का बीड़ा उठाया। संपूर्ण लॉकडाउन के कारण दुकानें बंद होने के कारण कपड़ा नहीं मिला तो घर पर कुर्ता-पजामा के लिए खरीदे नए कपड़े से मास्क बनाने शुरू कर दिए। विवाह-शादी में शगुन के तौर पर जो नया कपड़ा घर पर पड़ा था, सब लगा डाला। मास्क तैयार थे, अब समस्या थी लॉकडाउन। फिर क्या था इंटरनेट मीडिया का फायदा उठाया। छोटा सा संदेश वायरल किया कि जिसे मास्क चाहिए, वह घर से ले जा सकता है। उस समय आपातकालीन वस्तुओं की खरीद के लिए जो समय निर्धारित था, उसमें लोग घर आकर मास्क ले जाने लगे। शहर डबवाली में ऐसी कोई गली या मोहल्ला नहीं, यहां जसपाल सिंह ढंडाल ने मास्क न पहुंचाए हो। ---- फ्रंट लाइन वॉरियर्स के लिए बने मददगार फ्रंट लाइन वॉरियर्स के लिए जसपाल सिंह ढंडाल मददगार बने। दरअसल, कोरोना कॉल में जिन लोगों की डयूटी लगी थी, उनको मास्क नहीं मिले थे। चाहे पंजाब-हरियाणा सीमा पर नाका लगाए पुलिस की बात हो या फिर दमकल केंद्र में स्टाफ की। थानों में तैनात पुलिस कर्मी की बात हो या फिर कोरोना में सेवा कर रहे वॉलंटियर्स की। ढंडाल ने सबको मास्क पहनाए। -------- 85 बार कर चुके हैं खूनदान ऐसा नहीं कि महामारी में ही जसपाल सिंह ढंडाल के सिर समाजसेवा का जुनून चढ़ा हो। वर्ष 1990 में इसकी शुरुआत रक्तदान से हुई। अब तक वे करीब 85 बार रक्तदान कर चुके हैं। रक्तदान शिविरों के साथ-साथ आपात समय में लुधियाना पहुंचकर रक्तदान किया है। खुद की जिदगी की परवाह किए बगैर एक बार उन्होंने मृत्यु शैय्या पर पड़े मरीज के लिए पौने दो माह के अंतराल में रक्तदान किया था। ---- हर रोज बनाता था 40 मास्क मैं हर रोज 8 घंटे लगातार सिलाई मशीन चलाकर 40 मास्क तैयार करता था। अब तक करीब 8300 मास्क बनाकर दे चुका हूं। 22 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता क‌र्फ्यू लगाया था, तब मैं समझ चुका था कि मास्क की मांग बढ़ेगी। वैसा ही हुआ, कुछ लोगों ने इसे अवसर बनाना चाहा। मैंने लोगों को मास्क के लिए भटकते देख मशीन उठाई। मैं खुश हूं कि यह कार्य मेरे हिस्से आया। मुझे एक टेलर होने का फायदा मिला। -जसपाल सिंह ढंडाल, टेलर मास्टर, डबवाली

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