दिनभर आसमान में बादल छाने के साथ होती रही बूंदाबांदी
मौसम में बुधवार को भी दिनभर बदलाव देखने को मिला। आसमान में दिनभर ब
जागरण संवाददाता, सिरसा : मौसम में बुधवार को भी दिनभर बदलाव देखने को मिला। आसमान में दिनभर बादल छाये रहे। इसी के साथ दिन में कई बार हल्की बूंदाबांदी होती रही। सिरसा में मंगलवार को 35 एमएम बारिश होने से तापमान में भी गिरावट आई है। मौसम खराब होने व बादल छाने से किसानों की चिता बढ़ा दी है। बारिश के कारण जलभराव होने से कपास, मूंग, ग्वार व धान की फसल को नुकसान हो रहा है। बादल छाने से फसलों में बीमारी बढ़ रही है। जिसको लेकर केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र ने एडवाइजरी भी जारी की हुई है।
----
तापमान में आई गिरावट
हल्की बूंदाबांदी होने व आसमान में बादल छाने से तापमान में भी गिरावट आई है। न्यूनतम तापमान में 3 डिग्री गिरावट आई है। बुधवार को अधिकतम तापमान 34.0 डिग्री व न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री रहा। जबकि मंगलवार को अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26.4 डिग्री रहा।
---
27 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 27 सितंबर तक मौसम परिवर्तनशील रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. मदन खिचड़ ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाव के क्षेत्र व साथ में राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने व अरब सागर से भी नमी वाली हवाएं आने की संभावना है। इससे वीरवार को भी भी बारिश की संभावना है। वहीं 26 सितंबर व 27 सितंबर को कहीं कहीं हल्की बारिश व तेज बारिश होने की संभावना है।
---
5500 किसानों ने फसल खराब होने पर किया आवेदन
फसलों में बारिश के कारण जलभराव होने से नुकसान हुआ है। बीमा मुआवजा को लेकर जिले के करीब 5500 किसानों ने कृषि विभाग कार्यालय में आवेदन जमा करवाए है। कृषि विभाग के अधिकारी जिले में फसल खराब होने पर सर्वे कार्य भी कर रहे हैं। वहीं किसान फसलों के नुकसान होने पर विशेष गिरदावरी करवाने की मांग कर रहे हैं।
----
जींद में गुलाबी सुंडी पर सिरसा के किसान रहे सचेत
केंद्रीय कपास अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने जींद जिले के पालवा गांव में गुलाबी सुंडी देखी है। जिसको लेकर सिरसा के किसानों को भी गुलाबी सुंडी को लेकर सचेत रहने के लिए कहा है। केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को गुलाबी सुंडी को लेकर जागरूक कर रहे हैं। केंद्र के निदेशक एसके वर्मा ने जींद में निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि गुलाबी सुंडी को लेकर किसान खेतों में जाकर निरीक्षण करें। अगर कपास में गुलाबी सुंडी नजर आती है तो इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों को जानकारी दें। वहीं गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार स्प्रे करें।