फंड दुरुपयोग मामले में एसडीएम की जांच में बीडीपीओ और ग्राम सचिव को माना दोषी

नाथूसरी चौपटा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विवेक कुमार व ग्राम सचिव सुभाष चंद्र कमल सिंह लेखा लिपिक को एसडीएम ने अपनी जांच में प्रथम दृष्टि में दोषी ठहरा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 05:55 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 05:55 PM (IST)
फंड दुरुपयोग मामले में एसडीएम की जांच में बीडीपीओ और ग्राम सचिव को माना दोषी
फंड दुरुपयोग मामले में एसडीएम की जांच में बीडीपीओ और ग्राम सचिव को माना दोषी

जागरण संवाददाता, सिरसा : नाथूसरी चौपटा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी विवेक कुमार व ग्राम सचिव सुभाष चंद्र, कमल सिंह लेखा लिपिक को एसडीएम ने अपनी जांच में प्रथम दृष्टि में दोषी ठहरा दिया है। एसडीएम ने इसी के साथ विस्तृत जांच राज्य चौकसी ब्यूरो से करवाए जाने की भी अनुशंसा की है। राजपुरा साहनी निवासी रामभगत श्योराण ने गांव जोड़कियां व हंजीरा में पंचायत फंड के दुरुपयोग के मामले की जांच किए जाने की मांग की थी। इसके बाद उपायुक्त ने जांच सिरसा के एसडीएम को सौंप दी। एसडीएम सिरसा ने इस मामले में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, ग्राम सचिव व अन्य के बयान दर्ज किए। बीडीपीओ ने बताया कि 22 फरवरी 2021 को पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया और 23 फरवरी से पंचायतों का कार्य प्रशासक के चार्ज में आ गया। उन्होंने बताया कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से राशि निकलवाई गई है। उन्होंने कहा कि उसकी मोहर कार्यालय में सहायक सोहन लाल के पास रहती है और बिना उसकी जानकारी के चेक पर मोहर लगाई गई है। इस मामले में ग्राम सचिव जोड़किया व हंजीरा सुभाष चंद्र ने भी बयान दर्ज करवाए। उन्होंने बताया कि 23 फरवरी से पंचायतों का चार्ज बीडीपीओ के पास है। जिन दो पंचायतों का जिक्र किया गया है उनका रिकार्ड भी बीडीपीओ के पास है। उन्होंने माना कि हंजीरा से एक व्यक्ति व कंपनी का प्रतिनिधि उससे मिला था। जिन्होंने बताया कि बीडीपीओ से बात हो गई है। गांव में लाइट लगाई जानी है। चेक तैयार कर हस्ताक्षर कर दो। इसके बाद चेक व बिल वाउचर पर बीडीपीओ के हस्ताक्षर के लिए कागज अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि 19 जून को विवाद होने पर फर्म ने यह राशि वापस ग्राम पंचायत के खाते में जमा करवा दी। उन्होंने बताया कि हंजीरा में चार किलोवाट का सोलर सिस्टम तथा जोड़किया में पांच किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया जाना है। इस मामले में शिकायतकर्ता रामभगत श्योराण के भी बयान हुए। उन्होंने बताया कि पंचायत के खाते से 31 लाख से अधिक का भुगतान बीडीपीओ ने किया है और वे इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके अलावा जोड़किया व हंजीरा में फर्जी हस्ताक्षर से फर्म से राशि अदायगी का मामला अपने स्तर पर कई दिन तक रोके रखा। उन्होंने इस मामले की विस्तृत जांच करवाए जाने की मांग उठाई। इस मामले में सहायक सोहन लाल, बैंक मैनेजर व अन्य के भी बयान दर्ज हुए। एसडीएम ने जांच में यह भी लिखा कि बीडीपीओ विवेक कुमार, ग्राम सचिव सुभाष चंद्र, लेखा लिपिक कमल सिंह, फर्म संचालक रूप सिंह व योगेश ने मिलीभगत कर फंड का दुरुपयोग किया है।

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