फर्जी आरसी मामले में क्लर्क की प्रापर्टी की जुटाई जानकारी, 20 हजार की नकदी भी बरामद

दो दिन के रिमांड के बाद जगाधरी एसडीएम कार्यालय के रजिस्ट्रेशन क्लर्क को अदालत में किया पेश

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:24 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:24 AM (IST)
फर्जी आरसी मामले में क्लर्क की प्रापर्टी की जुटाई जानकारी, 20 हजार की नकदी भी बरामद
फर्जी आरसी मामले में क्लर्क की प्रापर्टी की जुटाई जानकारी, 20 हजार की नकदी भी बरामद

दो दिन के रिमांड के बाद जगाधरी एसडीएम कार्यालय के रजिस्ट्रेशन क्लर्क को अदालत में किया पेश, जेल भेजा

जागरण संवाददाता, सिरसा : वाहनों के फर्जी कागजात के आधार पर पंजीकरण करने के मामले में पुलिस रिमांड के दौरान जगाधरी एसडीएम कार्यालय के रजिस्ट्रेशन क्लर्क राजेंद्र दांगी द्वारा बनाई गई प्रापर्टी की जानकारी जुटाई है। सिरसा पुलिस की एसआइटी ने 12 लाख रुपये में एक प्लाट खरीदने के अलावा एक मकान में भी कई लाख रुपये इसी अवैध कमाई से खर्च होने की जानकारी मिली है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर 20 हजार रुपये की नकदी भी बरामद की है। आरोपित राजेंद्र को दो दिन की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

फर्जी आरसी मामले में दर्ज केस में राजेंद्र को दो दिन पहले ही सिरसा पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर लिया गया था। पूछताछ के दौरान राजेंद्र पुलिस टीम यमुनानगर लेकर पहुंची। जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की अवधि के दौरान उसने 12 लाख की कीमत का एक प्लाट आदर्श कालोनी में खरीदा है। पुराने मकान को बेचकर नया मकान बनाया है जिसमें कुछ राशि पुराने मकान से मिली, कुछ विभाग से लोन लिया गया तथा इस कमाई से मिली कई लाख रुपये की राशि भी खर्च कर दी। उसने यह भी बताया कि यमुनानगर पुलिस भी उसकी निशानदेही पर करीबन अढ़ाई लाख रुपये पूर्व में ही बरामद कर चुकी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपित ने इस मामले में जगाधरी के कंप्यूटर आपरेटर अमित कुमार व रोहतक के सुनील चिटकारा की संलिप्तता को स्वीकारा है।

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सिरसा पुलिस ने उजागर किया था जगाधरी का फर्जीवाड़ा

14 जनवरी 2021 को जगाधरी नंबर की तीन गाड़ियां सिरसा में पकड़ी गईं, जिनके कागजात की जांच हुई तो फर्जी कागजात पर उनका रजिस्ट्रेशन जगाधरी में होना पाया गया। केस दर्ज कर जांच शुरू की तो यह प्रदेश का बड़ा फर्जी आरसी घोटाला पाया गया। मास्टर माइंड रोहतक के सुनील चिटकारा की गिरफ्तारी हुई और उसके कब्जे से फर्जी आरसी के आधार पर पंजीकरण करवाने के मामले में 23 गाड़ियां बरामद हुईं और 600 गाड़ियां फर्जी आरसी व कागजात के आधार पर अलग-अलग जगह दर्ज होने की जानकारी मिली। जिसमें सबसे अधिक करीबन 450 गाड़ियां यमुनानगर जिले में पंजीकृत होने की पुलिस को जानकारी मिली। मास्टर माइंड सुनील चिटकारा फाइनेंस कंपनियों व बैंकों से आनलाइन नीलामी में वाहन खरीदता। सरकारी फीस कम लगे इसलिए कम कीमत दर्शाने के लिए बैंक के फर्जी कागजात तैयार करता और मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की फर्जी पासिग रिपोर्ट तैयार की जाती। इसके बाद फर्जी पते पर ही इन गाड़ियों का पंजीकरण जगाधरी व अन्य जिलों पर किया गया।

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रिकार्ड में लगा रखे थे स्टार व हैश

सिरसा पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो दस फाइलें पहले मांगी गईं। ये फाइलें यमुनानगर में नहीं मिलीं, जिसके बाद यमुनानगर पुलिस ने भी दो अलग-अलग केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसी दौरान सिरसा पुलिस ने जगाधरी एसडीएम कार्यालय जाकर रिकार्ड की जांच की तो फर्जी आरसी से संबंधित रिकार्ड पर हैश व स्टार लगे मिले। जांच में यह भी सामने आया कि कोई भी पता पूरा नहीं था जबकि अधूरे पतों के साथ गाड़ियों का पंजीकरण किया गया। इस मामले में पूर्व में हुई गिरफ्तारी के दौरान तत्कालीन एसडीएम का नाम भी जोड़ा गया लेकिन पुलिस ने अभी उन्हें जांच में शामिल नहीं किया है।

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रजिस्ट्रेशन क्लर्क राजेंद्र दांगी से पूछताछ की गई है। उन्हें दो दिन के रिमांड पर लिया गया था। रिमांड अवधि के दौरान उनसे एक प्लाट व एक मकान के संबंध में रिकार्ड हासिल किया है। इसके अलावा 20 हजार रुपये की नकदी भी बरामद की है। पूछताछ में कई दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई है।

डीएसपी आर्यन चौधरी, प्रभारी एसआइटी ।

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