गुरमीत राम रहीम ने भारत रत्न के लिए चलाया था अभियान, अजूबे बनाने का था शौकीन
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न को भी पाना चाहता था। इसके लिए उसने खूब जोर आजमाइश की थी।
जेएनएन, सिरसा। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न को भी पाना चाहता था। इसके लिए उसने खूब जोर आजमाइश की, अनुयायियों की तरफ से इसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलवाया गया। दावा किया गया कि जनसेवा के जितने काम डेरा कर रहा है, उतना कोई दूसरी संस्था नहीं कर रही। इसका श्रेय डेरा प्रमुख को जाता है और वे भारत रत्न के हकदार हैं।
डेरा प्रमुख को अजूबे बनाने का शौकीन रहा है। उसे अपना नाम विश्व कीर्तिमानों में दर्ज कराने का शौक रहा। कभी हजारों यूनिट रक्तदान करके तो कभी करोड़ों पौधे लगाने का दावा कर विश्व कीर्तिमान में नाम दर्ज कराया। अपने नाम कई वर्ल्ड रिकार्ड बनाए और तो और म्यूजिक एलबम बेचने में भी मार्टिन बीबर जैसे गायक के रिकॉर्ड को तोड़ने का दावा किया। उसने डेरे में ऐसा रिसोर्ट तैयार कराया, जिसमें विश्व के अनेक अजूबों की हूबहू कॉपी की गई। वहां रहने के लिए विश्व स्तरीय होटलों जैसी व्यवस्था की।
डेरे में बनाए गए सात अजूबों के रिजॉर्ट को एसएमजी नाम दिया गया। इसमें ताजमहल, एफिल टॉवर, डिज्नी लैंड आदि अलग-अलग विला बनाए गए। फाइव स्टॉर रेंकिंग बताए जाने वाले इन विला का एक दिन का किराया 20 से 40 हजार रुपये तक था। डेरे में क्रिकेट का इंटरनेशनल स्तर का स्टेडियम भी बनाया है।
नेता टेकते थे माथा
डेरा प्रमुख ने राजनीति में मजबूत पकड़ थी। इसके लिए अलग से राजनीतिक विंग बनाई गई थी। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव राजनीति विंग ही फैसला लेती थी कि किसे समर्थन देना है। इसके लिए बड़े-बड़े नेता मत्था टेकने पहुंचते थे। इनमें पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के नेताओं की भीड़ ज्यादा रहती थी। इसके लिए राजनीतिक लोगों से शपथ पत्र भी भरवाए जाते थे।
रूबरू नाइट में जनप्रतिनिधि बैठते सबसे आगे
डेरा में प्रतिमाह अलग-अलग ब्लॉक की रूबरू नाइट होती थी। जिस ब्लॉक को मिलती थी उस ब्लॉक के जनप्रतिनिधि को ब्लॉक की संगत लेकर आती थी। इन जन प्रतिनिधियों में ब्लॉक के विधायक, जिला परिषद सदस्य व सरपंच भी आते थे। जिनको सबसे आगे संत गुरमीत राम रहीम के सामने बैठाया जाता था। इन जनप्रतिनिधियों से डेरा प्रमुख रूबरू भी होते थे।