भारतीय संस्कार और संस्कृति की जड़ों से जुड़ी हुई है लोक कला : महाबीर गुड्डू
लोककला भारतीय संस्कार और संस्कृति की जड़ों से जुड़ी हुई है। भा
संवाद सहयोगी, ऐलनाबाद : लोककला भारतीय संस्कार और संस्कृति की जड़ों से जुड़ी हुई है। भारत की मनोरंजन की समस्त स्वस्थ कलाएं लोक कलाओं से होकर ही निकलती है। उपरोक्त शब्द हरियाणा कला परिषद के ज्वाइंट डायरेक्टर व लोक कलाकार महावीर गुड्डू ने कहे। इस अवसर पर समाजसेवी बबलू शेखावत, हास्य कलाकार बीएम नागर, राजकुमार फुटेला अन्य कलाकार उपस्थित थे।
महावीर गुड्डू ने लोक कला के बारे में बताते हुए कहा कि इसमें स्थानीय समुदाय की समग्र कलात्मक गतिविधि, ग्रामीण परिवेश की कलाएं, हर प्रकार की रचनात्मकता शामिल है। लोककला में संगीत, नृत्य, किवदंतियां, परियों की कहानियां, लोक कविता और लोक रीति-रिवाजों के पूरे कलात्मक पक्ष भी शामिल हैं। आने वाली पीढ़ी को भारतीय संस्कार व संस्कृति से जोड़े रखने के लिए उन्हें लोककलाओं से अवगत करवाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने फिल्मों व टीवी नाटकों में बढ़ती हुई अश्लीलता पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि निर्माता निर्देशकों को ऐसी फिल्म, नाटक व गाने बनाने से परहेज करना चाहिए, जिनमें अश्लीलता का समावेश हो।उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्य है कि आजकल सोशल मीडिया पर ऐसे लोग भी बहुत सक्रिय हैं जो रातों रात प्रसिद्धि हासिल करने, अपने सब्सक्राइबर, व्यूज आदि बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम व गाने आदि तैयार करते हैं जिनसे समाज हर तरह से दूषित होता है। कुछ लोग प्रेंक के नाम पर ऐसे वीडियो तैयार करते हैं जिनमें अश्लीलता व नग्नता भरी हुई होती है। ऐसे सभी कार्यक्रमों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है।