अनाज मंडी से लघुसचिवालय तक किसानों ने किया रोष प्रदर्शन

संवाद सहयोगी डबवाली सोमवार को किसानों ने कृषि सुधार अध्यादेश वापस करने तथा डीजल की क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 08:16 AM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 08:16 AM (IST)
अनाज मंडी से लघुसचिवालय तक किसानों ने किया रोष प्रदर्शन
अनाज मंडी से लघुसचिवालय तक किसानों ने किया रोष प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, डबवाली : सोमवार को किसानों ने कृषि सुधार अध्यादेश वापस करने तथा डीजल की कीमत कम करने की मांग को लेकर काले झंडों के साथ रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व राष्ट्रीय किसान संगठन के प्रदेशाध्यक्ष जसवीर सिंह भाटी, जिला अध्यक्ष मिट्ठू कंबोज कर रहे थे। इसके अलावा प्रदर्शन में किसान देवेंद्र भोभिया, बलवीर सिंह चट्ठा, नछत्र सिंह, तरसेम सिंह, राकेश नेहरा, सुरेश पूनियां, सर्वजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, अमरजीत सिंह, प्रेम कुमार, मलकीत सिंह मान सकताखेड़ा शामिल हुए। किसान नई अनाज मंडी में इकट्ठे हुए थे। किसानों ने गधा रेहड़ी पर बैठकर तेल की बढ़ती कीमतों का विरोध दर्ज करवाया। इसके बाद किसान प्रदर्शन करते हुए लघुसचिवालय पहुंचे और एसडीएम के मार्फत प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

प्रदेशाध्यक्ष जसवीर सिंह भाटी, मिट्ठू कंबोज ने कहा कि कोरोना संकट का फायदा उठाकर किसानों पर नए कानून न थोपे जाएं। सरकार एक देश, एक मार्केट अध्यादेश ला रही है। जिससे किसान बर्बाद होगा, इससे आढ़तियों का कारोबार खत्म हो जाएगा। सरकार की कमाई का बड़ा स्त्रोत मंडी बोर्ड समाप्त हो जाएगा। सरकार किसान की सभी फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदे तो वह कांट्रेक्ट फार्मिंग है। लेकिन सरकार मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता लागू कर रही है। तीसरा आवश्यक वस्तु अध्यादेश है, जिससे जरूरी वस्तुओं पर स्टाक सीमा समाप्त करने का प्रावधान है। अगर ऐसा होता है तो आलू, प्याज, दालें, तिलहन व सब्जी का स्टॉक करके बड़े व्यापारी मनमानी के रेट वसूल करेंगे। इससे गरीब जनता पेट भरने को तरसेगी। चौथा अध्यादेश बिजली को निजी हाथों में देना है।

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