वजन के नाम पर काट काटने के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन

क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को किसान संगठनों के बैनर तले फैक्ट्री संचालकों द्वारा धर्मकांटे पर फसल की ट्राली तोलने की एवज में आधा किलो प्रति क्विटल की काट काटने का विरोध जताते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। जिसके चलते अनाज मंडी में शाम छह बजे तक नरमा की बोली शुरू नहीं हुई। फैक्ट्री संचालकों व किसानों में मामले को निपटाने के लिए एसडीएम उदय सिंह की अध्यक्षता में मार्केट कमेटी में कमेटी के सचिव मेजर सिंह व थाना प्रभारी राजा राम की उपस्थिति में बैठकें भी हुई परंतु बात सिरे नहीं चढ़ पाई। जिसके चलते किसानों का कमेटी के समक्ष प्रदर्शन जारी था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 12:53 AM (IST)
वजन के नाम पर काट काटने के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन
वजन के नाम पर काट काटने के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, कालांवाली : क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को किसान संगठनों के बैनर तले फैक्ट्री संचालकों द्वारा धर्मकांटे पर फसल की ट्राली तोलने की एवज में आधा किलो प्रति क्विटल की काट काटने का विरोध जताते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। जिसके चलते अनाज मंडी में शाम छह बजे तक नरमा की बोली शुरू नहीं हुई। फैक्ट्री संचालकों व किसानों में मामले को निपटाने के लिए एसडीएम उदय सिंह की अध्यक्षता में मार्केट कमेटी में कमेटी के सचिव मेजर सिंह व थाना प्रभारी राजा राम की उपस्थिति में बैठकें भी हुई परंतु बात सिरे नहीं चढ़ पाई। जिसके चलते किसानों का कमेटी के समक्ष प्रदर्शन जारी था। किसान नेता गुरदास सिंह व बलवंत सिंह केवल ने कहा कि अनाज मंडी में नरमा की बोली होने पर जब किसान नरमा की ट्राली लेकर फैक्ट्री में तोलने के लिए जाता है तो वहां पर फैक्ट्री संचालक द्वारा धर्मकांटे पर फसल की ट्राली तोलने की एवज में आधा किलो प्रति क्विटल की काट काटी जाती है। यह सरासर गलत है, बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी फैक्ट्रियों में सरकार द्वारा मंजूर धर्मकांटे लगे है तो फसल का वजन करते समय काट किस बात की दी जाए। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बरसात व गुलाबी सुड़ी के प्रकोप के चलते किसानों की फसल पहले ही ज्यादातर खराब हो चुकी है। ------ फैक्ट्री संचालक सुरेश गोयल ने कहा कि धर्म कांटे के वजन में एक दूसरे के धर्मकांटे के वजन का मिलान नहीं होता। ऐसे में वजन में अंतर आने पर किसान अन्य किसानों को एकत्रित करके फैक्ट्री में हंगामा करते है। यहां तक कि उन्हें अभद्र भाषा भी बोलते है। जिस कारण उन्होंने इस बार फसल धर्मकांटे की बजाए तकड़ी वाले कांटे से तुलवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को धर्मकांटे पर काट काटने पर एतराज है तो वे तकड़ी वाले कांटे से फसल को तुलवा सकता है। जिस पर किसान सहमत नहीं हुए क्योंकि इससे फसल को तोलने में समय ज्यादा लगता है। ----- उक्त विषय को लेकर दोनों पक्षों में कई दौर की बैठकें हुई, जिसमें किसान, फैक्ट्री संचालक, आढ़ती शामिल हुए। बैठक में थाना प्रभारी राजा राम, सचिव मेजर सिंह सिधु, न्यू आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप जैन, प्रवीण ठेकेदार, सुखराम फत्तेवाला, जोली बांसल, किसान नेता गुरदास सिंह लकड़वाली, बलवंत सिंह केवल, बंता सिंह बडिग शामिल थे। एसडीएम द्वारा भी दोनों पक्षों को समझाकर मामले को निपटाने का प्रयास किया। देर शाम तक मामले का कोई निपटान नहीं हो सका।

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