कोरोना संक्रमण रोकने के लिए डा. वीरेश भूषण ने कंटनेमंट जोन, कांट्रेक्ट ट्रेसिग की संभाली अहम जिम्मेवारी
कोरोना रूपी नई बीमारी से कैसे निपटा जाए कैसे संक्रमितों का पता
जागरण संवाददाता, सिरसा : कोरोना रूपी नई बीमारी से कैसे निपटा जाए, कैसे संक्रमितों का पता चले, कैसे उनके कांट्रेक्ट खोजे जाएं। कंटेनमेंट जोन कहां और कितना बड़ा बने इत्यादि से लेकर सैंपलिग करवाने की सारी जिम्मेवारी डिप्टी सिविल सर्जन डा. वीरेश भूषण ने बखूबी संभाली। जिस समय लोग बाहर निकलने से भी डरते थे, नागरिक अस्पताल में लोगों ने आना ही बंद कर दिया था। डा. वीरेश भूषण ने अपने दायित्व को पूरी तरह निभाई, फ्रंट लाइन पर खड़े रहकर अपनी टीम का उत्साह बढ़ाया। अपने और अपने परिवार के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी कैसे संक्रमण से बचा कर रखना है, इसकी जिम्मेवारी भी बेहतर तरीके से निभाई है।
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डा. वीरेश भूषण कहते हैं कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें कंटेनमेंट जोन बनाने, कैसे को कैसे फॉलो करें, कंट्रेक्ट ट्रेसिग इत्यादि सब जिम्मेवारी दी थी। फरवरी महीने में ही सिरसा टीम ने सब तैयारियां कर ली थी। 30 मार्च को जब जिले में संक्रमण का पहला केस आया तो एक घंटे के भीतर ही पूरी व्यवस्था करवा दी थी। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए विशेष रणनीति के तहत काम किया। हर सप्ताह डाटा लेते और उसके अनुसार अगले सप्ताह की प्लानिग करते, इसका परिणाम यह रहा कि सिरसा जिले की तैयारी दूसरे जिलों के मुकाबले एडवांस रही और यहां संक्रमण को लेकर स्थिति नियंत्रण में रही।
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सुविधाओं के विस्तार पर भी दिया ध्यान
डा. वीरेश भूषण का कहना है कि जिले में टेस्टिग पर जोर दिया। रोजाना एक हजार के करीब सैंपल लेने के निर्देश दिये, जिनका अच्छा परिणाम निकला। इसके साथ ही नागरिक अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब शुरू करवाई। संक्रमण से खुद का और परिवार वालों का तो बचाव करता ही था साथ ही पूरे स्वास्थ्य विभाग की टीम को संक्रमण से बचने के लिए जागरूक करता। इसके लिए उन्हें विशेष ट्रेनिग दी, वाट्सएप पर भी दिशा निर्देश दिए। कोरोना को रोकने में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम के रूप में काम किया। जिलावासियों ने भी खूब सहयोग दिया तभी हम कोरोना को मात देने में सफल रहे।