ग्वार में अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का न करें प्रयोग : डा. यादव
जागरण संवाददाता सिरसा जिले के गांव घुकांवाली में ग्वार की खेती की जानकारी देने के लिएज
जागरण संवाददाता, सिरसा : जिले के गांव घुकांवाली में ग्वार की खेती की जानकारी देने के लिएजागरूकता कैंप लगाया गया। इस कैंप में ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने कहा कि ग्वार बिरानी क्षेत्रों की फसल है। खरीफ मौसम की यह फसल न केवल कम लागत में अधिक मुनाफा देती है, बल्कि इससे जमीन की उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है, लेकिन ग्वार की फसल में जड़ गलन (उखेड़ा) एक मुख्य बीमारी आती है, जो ग्वार की पैदावार को 25 से 45 फीसद कम कर देती है। ग्वार की खड़ी फसल में कुछ किसान अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करते है, जिससे ग्वार की पैदावार तथा आगामी फसल सरसों के जमाव पर विपरित असर पड़ता है। कहा कि ग्वार की खड़ी फसल में किसी भी अनावश्यक खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग न करें क्योकि यह दोहरी मार कर सकती है। इससे खरपतवार तो बेशक खत्म हो जायेंगे, लेकिन दवा का दुष्प्रभाव ग्वार की फसल के लिए बेहद नुकसानदायक है। खरपतवार से निजात पाने के लिए किसान ग्वार की बिजाई के 25 से 30 दिन पर एक निराई-गुड़ाई अवश्य करें। अगर इसके बाद जरूरत हो तो एक गुड़ाई इसके 12-15 दिन के बाद करें। किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा इस गांव में किसान जागरूकता कैंप कृषि विभाग ओढ़ां के एटीएम डा. रमेश साहू ने शिरकत की। शिविर में राजबीर सिंह, शंकर लाल, रायसिंह, महंगा सिंह तथा हरभजन सिंह सहित अन्य किसान मौजूद थे। खेत की मिट्टी व पानी की जांच अवश्य करवाएं किसान
एटीएम डा. साहू ने कहा कि किसान बिजाई से पूर्व अपने खेत की मिट्टी व पानी की अवश्य जांच करवाएं। जमीन में किस पोषक तत्व की कमी है, यह जानकारी हमें मिट्टी जांच से पता चल सकता है तथा मिट्टी का नमूना लेने का तरीका किसानों को समझाया। उन्होंने ग्वार की प्रमाणित व उन्नत किस्में एचजी 365, एचजी 563 व एचजी 2-20 बीजोपचार करके बिजने की सलाह दी।