बारिश होने से फसलों को फायदा, किसानों के चेहरे खिले
राजस्थान की सीमा से सटे चौपटा क्षेत्र में शुक्रवार को हुई बरसात से फसलों को फायदा मिला। इससे किसानों के चेहरों पर रौनक रही।
संवाद सहयोगी, नाथूसरी चौपटा : राजस्थान की सीमा से सटे चौपटा क्षेत्र में शुक्रवार को हुई बारिश से सावनी की फसल को संजीवनी मिली। वहीं लोगों को गर्मी से भी निजात मिली है। इस बार चौपटा खंड में 35500 हेक्टेयर में बीटी नरमा जिसमें 2050 हेक्टेयर में देसी कपास, 3200 हेक्टेयर में धान, 11500 हेक्टेयर में गवार, 1550 हेक्टेयर में बाजरा, 2500 हेक्टेयर में मूंगफली, 850 हेक्टेयर में अरंड की फसल की बिजाई की गई है। बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। बारिश से बीटी नरमा, देसी कपास, ग्वार, बाजरे, मूंगफली व अरंड की करीब 60000 हेक्टेयर फसल को काफी फायदा होगा। सावनी की फसल का उत्पादन भी बंपर होने की उम्मीद बढ़ गई है।
राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के कागदाना, कुम्हारिया, खेड़ी, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपूरा नवाबाद, जसानियां, राजपुरा साहनी, गुसाई आना, जमाल, बराबरी, रुपावास, गिगोरानी, रामपुरा ढिल्लों , गुड़िया खेड़ा सहित कई गांवों में शुक्रवार को बारिश हुई। किसान सुनील कुमार ,राम कुमार ने बताया कि तीन-चार दिन से पड़ रही गर्मी से बिरानी ग्वार व बाजरे की फसल खराब हो रही थी, इसके साथ ही बीटी नरमा देसी कपास व मूंगफली की फसल को भी सिचाई की आवश्यकता पड़ रही थी। अब बारिश होने से सिचाई की कसर पूरी हो गई है। गौरतलब है कि ये गांव नहरों के अंतिम छोर पर पडऩे के कारण इन गांवों की अधिकतर जमीन बिरानी है तथा सावनी की फसल मानसून की बारिश पर आधारित होती है। किसान राजेश कुमार, पालाराम, जगदीश, महेंद्र सिंह व सुरेश कुमार, श्रवण कुमार, विक्रम सिंह का कहना है कि बारिश फसलों के लिए तो फायदेमंद है। बारिश होने से फसलों की सिचाई नहीं करनी पड़ेगी, जिससे उनके डीजल का खर्च बच जाएगा। बारिश से फसलों का उत्पादन भी बेहतर होगा। पशुओं को पानी पिलाने के लिए जोहड़ भी पानी से लबालब हो गए।