टोल प्लाजा से 104 कर्मचारियों को रोजी रोटी का संकट
सिरसा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन से नेशनल हाईवे पर टोल
जागरण संवाददाता, सिरसा : तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन से नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा पर कार्य बंद पड़ा है। इससे टोल प्लाजा पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को हटा दिया गया है या बिना वेतन घर पर रहने को कहा गया। इससे कर्मचारियों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सिरसा में नेशनल हाईवे-नौ पर भावदीन टोल प्लाजा से 50 कर्मचारियों को बिना वेतन रखा हुआ है। जबकि डबवाली के पास खुइयांमलकाना के पास टोल प्लाजा से 64 कर्मचारियों को हटा दिया गया है।
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तीन कर्मचारी ही ड्यूटी पर
भावदीन टोल प्लाजा पर पहले प्रतिदिन करीब 8 लाख रुपये का टोल वसूला जाता था। अब टोल पर कार्य ठप पड़ा है। टोल 20 सितंबर 2020 से फीड बेक हाईवे कंपनी ने ठेका लिया। कंपनी द्वारा 50 कर्मचारी रखे गये थे। जिनको अभी वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया है। टोल प्लाजा पर अभी दो सुरक्षा कर्मी व एक सफाई कर्मचारी तैनात किए है। जिनको वेतन दिया जा रहा है।
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खुइयांमलकाना टोल से 64 कर्मचारियों की छुट्टी
संवाद सहयोगी, डबवाली। सिरसा रोड पर बना खुइयांमलकाना टोल प्लाजा किसान आंदोलन के कारण सबसे पहले टोल मुक्त हुआ था। हरियाणा किसान एकता के बैनर तले किसानों ने टोल मुक्त करवाया तो उस समय करीब 109 कर्मचारी कार्यरत थे। कंपनी ने करीब पांच माह तक प्रतिदिन साढ़े तीन लाख रुपये का नुकसान झेला। 15 मार्च को संबंधित कंपनी का टेंडर पूरा हुआ तो नई कंपनी राजा राम गोदारा ने कार्यभार संभाल लिया। बताया जाता है कि मौजूदा समय में टोल पर 45 कर्मचारी कार्यरत हैं। शेष 64 कर्मचारियों की छुट्टी हो चुकी है। इसके बावजूद नई कंपनी को हर रोज तकरीबन चार लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। हालांकि नई कंपनी का कहना है कि टोल चल नहीं रहा, इस वजह से कर्मचारियों की कटौती की गई है। भविष्य में 109 कर्मी ही नियुक्त होंगे।
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अभी एनएचएआइ से करार नहीं
खुइयांमलकाना टोल प्लाजा के मैनेजर इंद्रसेन जाखड़ ने बताया कि टोल का ठेका नई दरों पर हुआ है। एनएचएआइ से अभी इस बात पर समझौता नहीं हुआ है कि नुकसान कौन झेलेगा। फिलहाल कंपनी को हर रोज चार लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। हमारी कंपनी ने नई कीमत पर टोल को संभाला है।