हॉर्टिकल्चरल और गीले कूड़े से बनेगी कंपोस्ट खाद

पार्कों में पेड़ पौधों के पत्तों घास फूस इत्यादि को इकट्ठा करके

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 11:17 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 11:17 AM (IST)
हॉर्टिकल्चरल और गीले कूड़े से बनेगी कंपोस्ट खाद
हॉर्टिकल्चरल और गीले कूड़े से बनेगी कंपोस्ट खाद

जागरण संवाददाता, सिरसा :

पार्कों में पेड़ पौधों के पत्तों, घास फूस इत्यादि को इकट्ठा करके जलाया नहीं जाएगा बल्कि उसे गड्ढे में दबाकर कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। इसके लिए नगर परिषद ने विस्तृत योजना तैयार की है। नगर परिषद द्वारा शहर के बड़े शिक्षण संस्थानों, पार्कों में गड्ढे खुदवाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। निर्धारित आकार का गड्ढा खोदने के बाद उनके अंदर नीचे फर्श और चारों ओर पक्की दीवार बनाई जाती है, जिसके बाद उसमें हार्टिकल्चरल कचरा डाला जाता है। गड्ढ़ा भरने के बाद उसे मिट्टी से ढक दिया जाता है और करीब महीना भर के बाद मिट्टी को हटाकर गड्ढे में तैयार खाद को पेड़ पौधों के लिए ही प्रयोग में लाया जाता है। ------------ इस अभियान के तहत जेसीडी विद्यापीठ, पॉलिटेक्निक कॉलेज, नेशनल कॉलेज, चौ. देवीलाल विद्यापीठ, आइटीआइ संस्थान इत्यादि में गड्ढे तैयार किए गए है। भूमिगत प्रदूषण न हो, इसके लिए इन गड्ढों को अंदर से पक्का बनाया जा रहा है। इस योजना में जिले के होटलों, मैरिज पैलेसों को भी शामिल किया जाएगा ताकि वहां भी हार्टिकल्चरल वेस्ट और गीले कूड़े से खाद तैयार की जा सके। ----------------- शहर के पार्काें में भी गड्ढे खोदाई का कार्य शुरू किया गया है। कंगनपुर रोड स्थित देवीलाल पार्क, टाउन पार्क, बरनाला रोड स्थित पार्क में गड्ढे खोदे गए है। पार्कों में पेड़ पौधों की कंटाई छंटाई के बाद अक्सर बचे हुए कूड़े को जला दिया जाता था, जिससे वायु प्रदूषण भी होता था। परंतु अब विभाग के निर्देश पर नगर परिषद ने इस कूड़े को जलाने की बजाय इसकी खाद तैयार करने के प्लान को अमलीजामा पहनाया जा गया है। -------------- शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, पार्कों में होर्टिकल्चरल वेस्ट से कंपोस्ट खाद तैयार करने के लिए गड्ढे तैयार करवाए गए हैं। इन गड्ढों में पेड़ पौधों के अवशेषों को रखा जाएगा और इससे तैयार खाद पेड़ पौधों के लिए लाभदायक बनेगी। शहर में बड़े शिक्षण संस्थानों व पार्कों में गड्ढे खुदवाए जा चुके हैं। इस योजना में होटलों व मैरिज पैलेस संचालकों को शामिल किया जाएगा ताकि वहां से निकलने वाले होर्टिकल्चरल वेस्ट व गीले कूड़े का सदुपयोग खाद के रूप में किया जा सके।

- विजय कुमार, प्रभारी स्वच्छता टीम, नगर परिषद

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