अस्पताल में बेड फुल, पोर्टल पर दिखा रहे कुछ खाली

सिरसा निजी अस्पतालों में पोर्टल पर तो बेड दिखाए जा रहे हैं लेकिन हकीकत

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 05:49 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:49 AM (IST)
अस्पताल में बेड फुल, पोर्टल पर दिखा रहे कुछ खाली
अस्पताल में बेड फुल, पोर्टल पर दिखा रहे कुछ खाली

जागरण संवाददाता, सिरसा : निजी अस्पतालों में पोर्टल पर तो बेड दिखाए जा रहे हैं लेकिन हकीकत में बेड खाली नहीं हैं बल्कि ऑक्सीजन युक्त बेड के लिए मारामारी के हालात हैं। शुक्रवार को भाजपा जिलाध्यक्ष ने चार प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचकर बेड व ऑक्सीजन की स्थिति का सरकारी रिपोर्ट से मिलान किया तो काफी अंतर पाया गया है। हालांकि अस्पतालों में प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी मौके पर मिले हैं। शाह सतनाम अस्पताल में पोर्टल पर 41 बेड उपलब्ध दिखाए गए हैं लेकिन यहां ऑक्सीजन आधारित बेड उपलब्ध नहीं थे। यहां डाक्टरों की टीम ने बताया कि एक समय में उन्हें 10 सिलेंडर ही मिल रहे हैं और ऐसे में वे 25 गंभीर मरीज को वेंटीलेटर पर रख सकते हैं। वो भी दो घंटे बाद सिलेंडर लेने के लिए गाड़ी भेजनी पड़ रही है। यहां 80 ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रतिदिन खपत है।

पूनिया अस्पताल में भी यही स्थिति देखने को मिली। यहां ऑक्सीजन आधारित कोई बेड उपलब्ध नहीं है जबकि पोर्टल पर बेड उपलब्ध दिखाया गया है। पूनिया अस्पताल में बिना ऑक्सीजन के 11 बेड, केवल ऑक्सीजन के दो और वेंटीलेटर आधारित बेड तीन खाली दिखाए गए हैं। लेकिन यहां गैस की किल्लत सामने आई है। यहां प्रतिदिन 28 सिलेंडर की खपत है। यहां मौजूद डाक्टर ने बताया कि गत रात्रि उन्हें गैस के लिए खूब मारामारी करनी पड़ी है और बाद में तारा बाबा कुटिया से मदद में सात सिलेंडर मंगाने पड़े।

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संजीवनी अस्पताल में नहीं मिला बेड खाली

संजीवनी अस्पताल में बिना आक्सीजन के तो बेड उपलब्ध है। यहां बिना आक्सीजन के कुल 30, आक्सीजन बेड 45, जिनमें से दस खाली दिखाए गए हैं। आइसीयू में चार, जिनमें से एक बेड खाली दिखाया गया है। लेकिन यहां अस्पताल में जगह नहीं है। डा. अंजनी गोयल ने आदित्य चौटाला के सामने स्वीकार किया कि पिछले दो दिनों से मरीज को नहीं ले पा रहे हैं और करीबन 10 मरीजों को जगह न होने के कारण वापस भेजना पड़ रहा है।

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अपने जीवन में पहली बार ऐसे हालात देखे

डा. अंजनी गोयल ने कहा कि अपने जीवन में पहली बार इस तरह के हालात देखे हैं। इतने बड़े स्तर पर अस्पतालों में मरीज आ रहे हैं और लगातार इलाज के बावजूद संसाधन कम पड़ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी मरीज को भर्ती नहीं कर पाते तो बड़ा दुख पहुंचता है लेकिन वेंटीलेटर या आक्सीजन सिस्टम सीमित हो तो कर भी क्या सकते हैं।

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डीसी को भी गलत सूचना दे रहे लोग

नागरिक अस्पताल से किसी मरीज के तीमारदार ने फोन कर बताया कि अस्पताल में स्ट्रक्चर पर मरीज को रखा हुआ है और न ही बेड मिल रहा है और न आक्सीजन मिल पा रही है। इसके बाद उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित डाक्टर से सीधी बात की तो डाक्टर ने ऐसे किसी भी मरीज के स्ट्रक्चर पर होने से इंकार कर दिया। बाद में जिस नंबर से काल आई उस पर उपायुक्त ने काल की तो पता चला कि बेड तो पहले ही दिया जा चुका था। लेकिन अधिक केयर करवाने के लिए ही तीमारदार ने फोन किया था।

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गैस एजेंसी पर बैठा दिए और अधिकारी

अस्पतालों में गैस किल्लत की जानकारी मिलने के बाद उपायुक्त ने गैस एजेंसी पर अतिरिक्त स्टाफ बैठा दिया। उपायुक्त ने बताया कि गैस की किल्लत नहीं रहने दी जाएगी। सरकार से अतिरिक्त कोटा भी ले रहे हैं। जिन हास्पीटल में अधिक मरीज हैं वहां गैस भी अधिक दी जा रही है। हास्पीटल में गैस की किल्लत आने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है लेकिन मामला संज्ञान में आने के बाद गैस एजेंसी पर और अधिकारियों को भी बैठा दिया है ताकि ऐसी दिक्कत न आए।

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अस्पताल में लागू नहीं किए रेट तो डीसी ने भेजा नोडल अधिकारी

उपायुक्त ने एक दिन पहले ही आइएमए के साथ बैठक कर बेड, आक्सीजन व वेंटीलेटर के नए रेट तय किए। इन रेटों के हिसाब से सभी को नई रेट सूची को लागू करना था लेकिन पूनिया कोविड केयर में सूची को लागू नहीं किया गया जिसकी शिकायत उपायुक्त के पास पहुंची और उन्होंने तत्काल नोडल अधिकारी को नए रेट लागू करवाने के लिए भेज दिया। नोडल अधिकारी डीइइओ आत्मप्रकाश मेहरा मौके पर पहुंच गए।

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बेड की जानकारी पोर्टल पर सही अपडेट हो, मरीज भ्रमित न हो

भाजपा के जिलाध्यक्ष आदित्य चौटाला ने कहा कि व्यवस्था जांचने के लिए ही उन्होंने संजीवनी, शाह सतनाम अस्पताल, पूनिया कोविड अस्पताल में व्यवस्थाओं के बारे में पड़ताल की। आक्सीजन गैस की किल्लत सामने आई है। अस्पतालों की मांग सिलेंडर ज्यादा देने की है। उन्होंने उपायुक्त को सुझाव दिया है कि शाह सतनाम अस्पताल में और अधिक वेंटीलेटर व आक्सीजन कोटा दिया जाना चाहिए। क्योंकि उनके पास सुविधाएं हैं और इसका लाभ मरीजों को मिलेगा।

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