1985 में जमीन खरीद कर बनाई गई आटो मार्केट में अब भी विकास अधूरा

शहर के महत्वपूर्ण प्राजेक्टस में से एक आटो मार्केट वर्षों से विका

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:19 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:19 AM (IST)
1985 में जमीन खरीद कर बनाई गई आटो मार्केट में अब भी विकास अधूरा
1985 में जमीन खरीद कर बनाई गई आटो मार्केट में अब भी विकास अधूरा

जागरण संवाददाता, सिरसा : शहर के महत्वपूर्ण प्राजेक्टस में से एक आटो मार्केट वर्षों से विकास की राह देख रही है। दुकानों की रजिस्ट्री व नाम ट्रांसफर न होने के चलते मार्केट के दुकानदारों ने हाईकोर्ट की शरण ली हुई है। इस मामले में आगामी तीन अगस्त को सुनवाई होनी है। इसी के चलते नगर परिषद ने आटो मार्केट के 125 दुकानदारों को अंतिम नोटिस जारी किया और 17 जून को अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता बैठक हुई, जिसमें 70 दुकानदारों ने भाग लिया। परंतु दुकानदारों का कहना है कि यह बैठक मात्रा औपचारिकता पूर्ण रही। ---------- आटो मार्केट के पूर्व प्रधान रोशन डांग ने बताया कि साढ़े 51 एकड़ जमीन खुद के रुपयों से खरीद कर वर्ष 1985 में अलाटमेंट की थी। यहां 1255 प्लाट काटे गए थे। इन प्लाटों में से करीब 100 प्लाटों की रजिस्ट्री हो गई तथा 550 प्लांट ट्रांसफर भी हो गए परंतु उसके बाद न तो रजिस्ट्री हुई और न ही नाम ट्रांसफर हो रहे हैं। यहां एक पेट्रोल पंप, दो सर्विस स्टेशन व एक रेस्टोरेंट बनना भी प्रस्तावित है। जिला प्रशासन व नगर परिषद आटो मार्केट की तरफ ध्यान नहीं दे रहे, जिस कारण आटो मार्केट बदहाल है तथा यहां दुकानें खरीदने वाले खुद को ठगा महसूस कर रहे है। ------- आटो मार्केट के प्रधान विजय बठला ने बताया कि नगर परिषद द्वारा 16 जून को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए पत्र जारी किया गया और 17 को लघु सचिवालय में बुलाया था। एक दिन के अंतराल पर हुई मीटिग को लेकर आटो मार्केट के दुकानदार दस्तावेज लेकर गए थे लेकिन वहां कोई सुनवाई हुई ही नहीं। उन्होंने बताया कि मार्केट में 2002 के बाद सड़कें नहीं बनी है। स्ट्रीट लाइट बदहाल है। रजिस्ट्री व ट्रांसफर न होने के कारण भी दुकानदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। रजिस्ट्री होने पर दुकानदार लोन भी नहीं ले सकता है।

------------- मार्केट के दुकानदार हरस्वरूप सोढ़ी ने बताया कि वर्ष 2011 में विधायक गोपाल कांडा ने दुकानों की ट्रांसफर व रजिस्ट्री खुलवाई थी परंतु बाद में प्रशासन ने बंद कर दी। नगर परिषद के पास करोड़ों रुपये होने के बावजूद सड़कों का टेंडर भी नहीं हो रहा है। इस मुद्दे को भी वे अपने वकील के माध्यम से अदालत में रखेंगे। अगर इस मार्केट का सही नीयत से विकास हो जाए तो यह क्षेत्र की सबसे बड़ी आटो मार्केट साबित हो सकती है तथा यहां दूसरे राज्यों व पड़ोसी जिलों से व्यापारी आएंगे।

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