सवा माह की छुट्टियों के बाद स्कूलों में लौटी रौनक, बच्चों को बाहर से लाना पड़ा पानी

गर्मी की सवा माह की छुट्टियों के बाद स्कूलों में रौनक लौटी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Jul 2019 10:41 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jul 2019 10:41 PM (IST)
सवा माह की छुट्टियों के बाद स्कूलों में लौटी रौनक, बच्चों को बाहर से लाना पड़ा पानी
सवा माह की छुट्टियों के बाद स्कूलों में लौटी रौनक, बच्चों को बाहर से लाना पड़ा पानी

जागरण संवाददाता, सिरसा : गर्मी की सवा माह की छुट्टियों के बाद स्कूलों में रौनक लौटी है। लेकिन पहले दिन स्कूल में विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई स्कूलों में तो एक दिन पहले ही सफाई का कार्य करवा दिया लेकिन कई स्कूलों में सफाई न होने और पानी का बंदोबस्त न होने के कारण विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ा।

गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार को बच्चों का स्कूल शुरू हुआ। ऐसे में सुबह 7:30 बजे से ही बच्चे स्कूलों में पहुंचना शुरू हो गए। शहर के अनाज मंडी स्थित मॉडल स्कूल में पहुंचे बच्चें को जैसे ही प्यास लगी तो बच्चे वाटर कूलर की तरफ तरफ दौड़े लेकिन वहां पर ठंडा पानी न होने के कारण विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ा। ऐसे में विद्यार्थी अपनी प्यास बुझाने के लिए अनाज मंडी में लगे वाटर कूलर की और चल पड़े। जबकि कई विद्यार्थी ठंडे पानी के बंदोबस्त के लिए कैंपर लेकर नेहरू पार्क स्थित लगे वाटर कूलर से पानी लेने के लिए पहुंच गए। ऐसे में विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। प्यास बुझाने के लिए विद्यार्थियों की लगी रही कतार

ठंडे पानी का बंदोबस्त न होने के कारण विद्यार्थियों को मंडी में लगे वाटर कूलर और दुकानों में रखे कैंपर से पानी से प्यास बुझाने के लिए कतार लगी रही। कोई विद्यार्थी पानी पीने के बाद स्कूल में जाता तो कोई विद्यार्थी स्कूल से पानी पीने के लिए जाता हुआ दिखाई दिया। जबकि खैरपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पानी और सफाई का पहले से ही ध्यान रखा गया। ऐसे में यहां के विद्यार्थियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। वाटर कूलर खराब होने के कारण नहीं था ठंडा पानी

स्कूल में रविवार को किसी कारण से वाटर कूलर की तार टूट गई थी। जिसके कारण पानी ठंडा नहीं हो पाया। जैसे ही इसकी सूचना मिली तो मैकेनिक को बुलवाकर तार को ठीक करवाया गया। सुबह नौ बजे के बाद स्थिति को पूरी तरह से संभाल लिया गया है। इसके बाद किसी भी विद्यार्थी को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ी

सहीराम, प्रधानाचार्य, राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल सिरसा

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