हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है महिलाएं : कैप्टन मनोज

जागरण संवाददाता रोहतक उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि यद्यपि महिलाएं हर क्षे

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:30 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:30 AM (IST)
हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है महिलाएं : कैप्टन मनोज
हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही है महिलाएं : कैप्टन मनोज

जागरण संवाददाता, रोहतक :

उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा है कि यद्यपि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा और क्षमता का लोहा मनवा रही हैं, अभी भी महिलाओं को सर्वोच्च स्थान पर ले जाना बाकी है। उपायुक्त सोमवार को जिमखाना क्लब में डा विजयबाला अहलावत द्वारा लिखी गई पुस्तक सास नहीं .. सांस का विमोचन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि बेटियों को लेकर अभी भी समाज में बहुत सी व्याधियां है और इन सभी खामियों को शिक्षा की लौ से ही दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सास की नकारात्मक छवि अभी भी टूटी नहीं है जबकि सास-बहू एक पवित्र रिश्ता है। उन्होंने कहा कि यह उच्च शिक्षा का एक नमूना है कि डा. विजयबाला अहलावत ने अपनी पुस्तक के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सास का बहू के व्यक्तित्व के विकास में एक अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि जैसा रिश्ता सास बहू का इस पुस्तक में बताया गया है ठीक वैसा रिश्ता वास्तविक होना चाहिए। पुस्तक की लेखिका डा. विजयबाला अहलावत ने कहा कि जो कुछ लिखा गया है उसमें कुछ भी दिखावा नहीं है बल्कि सारा विवरण वास्तविक घटनाओं पर आधारित है और उनके दिल के भाव है। उन्होंने कहा कि समाज में सास-बहू के रिश्ते को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन वास्तव में इस से प्यारा रिश्ता और कोई हो नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सास के रूप में उन्होंने कोहिनूर को पाया है। डॉ विजयबाला अहलावत ने कहा कि उनके साथ में उन्हें आगे बढऩे के लिए न केवल प्रोत्साहित किया, बल्कि उनके व्यक्तित्व व अस्तित्व का पूरा श्रेय वे अपनी सास को देती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुनीता पंवार ने की। मंच का संचालन पवन गहलोत ने किया। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में पूर्व आइजी राजपाल सिंह, सेवानिवृत्त एसडीएम राजीव अहलावत, बीडीपीओ राजपाल चहल, शिक्षा विभाग के जिला परियोजना समन्वयक कृष्णा फोगाट, हरियाणा साहित्य अकादमी से सम्मानित साहित्यकार डा. मधुकांत, रमाकांत राष्ट्रीय कवि वीरेंद्र मधुर, कवियत्री पुष्पलता आर्य, प्रियंका अहलावत व रेणुका सिंह आदि मौजूद थे।

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